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Durgesh Yadav Murder Case: जालसाजी में शाम‍िल सच‍िवालय का सेक्शन अफसर भी गिरफ्तार

जालसाजी के 120 दस्तावेज और तीन ट्रॉली बैग फर्जी कागज बरामद। सचिवालय में नौकरी के नाम पर कई बेरोजगारों की गाढ़ी कमाई हड़पी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 07:14 AM (IST)
Durgesh Yadav Murder Case: जालसाजी में शाम‍िल सच‍िवालय का सेक्शन अफसर भी गिरफ्तार
Durgesh Yadav Murder Case: जालसाजी में शाम‍िल सच‍िवालय का सेक्शन अफसर भी गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। दुर्गेश यादव हत्याकांड का ताना-बाना भले मनीष यादव ने बुना हो, लेकिन घटना को अंजाम तक पहुंचाने के पीछे उसके बॉस सेक्शन अफसर (वित्त विभाग) अजय यादव के जालसाजी के बड़े कारनामे थे। पीजीआई थाने की पुलिस ने शुक्रवार रात अजय यादव को गिरफ्तार कर लिया। उसका वृंदावन कॉलोनी स्थित मकान में एक कमरा रिजर्व था। पुलिस जब अजय यादव को कमरे पर लेकर पहुंची तो उसने अपनी चाभी से ताला खोला। कमरे से 120 नौकरी संबंधी दस्तावेज, 3 ट्रॉली बैग फर्जी कागज समेत बड़ी मात्रा में बेरोजगारों को लजाल में फंसाने के दस्तावेज मिले। जिसमें ज्वानिंग लेटर, सचिवालय की मोहरें, सर्विस बुक समेत तमाम सामान था। उसके कमरे में ऐसो आराम के भी सभी संसाधन मौजूद थे। जिन चार जालसाजों को पुलिस ने इस मामले में पहले गिरफ्तार किया उनके भी अजय से जालसाजी के मामलों में गहरे नाते थे।

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अजय की शह पर ही दुर्गेश की सचिवालय में थी पैठ...

पुलिस छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि अजय यादव की शह पर ही दुर्गेश की सचिवालय में गहरी पैठ थी। दुर्गेश के मुख्य हत्यारोपित मनीष ने भी पुलिस को अपने बयान में बताया कि दुर्गेश सचिवालय के अंदर आसानी से अपने शिकार की इंट्री करा देता था, पास हो या न हो। फिर अजय यादव से उसकी मुलाकात कराई जाती थी।

सचिवालय के लोगो लगी गाड़ी से चलता था दुर्गेश

पुलिस छानबीन में दुर्गेश के स्विफ्ट डिजायर कार पर सचिवालय का लोगो लगा मिला, इस कार का वह सचिवालय में घुसने के दौरान करता था।

दो बार पहले फंसकर बच चुका है अजय

पुलिस छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि दो बार पूर्व में अजय यादव की जालसाजी की शिकायत हो चुकी है, लेकिन सचिवालय की हनक दिखाकर वह बच निकला था। दुर्गेश भी जब कभी फंसता तो अजय से फोन करा देता। सचिवालय का नाम आते ही सब मामला मैनेज हो जाता।

जलसाज साथियों की तैयार की थी फौज, मुफ्त में देता था कमरे

पुलिस छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि अजय यादव ने जालसाज साथियों की पुरी फौज तैयार कर रखी थी, जिनमें दुर्गेश वही एक मोहरा था। बाकयदा वृंदावन कॉलोनी के मकान में जालसाजों के साथ मीटिंग करता था। बताता था कि बेरोजगारों से कैसे पैसे ऐंठे जाएं। उसके अन्य जालसाज साथियों की तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। 


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