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SDRF के जवानों को मिलेगा 30 फीसद प्रोत्साहन भत्ता, प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने की भी तैयारी

एसडीआरएफ के जवानों के लिए अच्छी खबर है। आपदा के दौरान जोखिम उठाने वाले जवानों को बिहार व अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में 30 फीसद प्रोत्साहन भत्ता दिलाए जाने की तैयारी है। साथ ही एसडीआरएफ में जवानों की प्रतिनियुक्ति की अवधि भी बढ़ाई जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 09:11 AM (IST)
SDRF के जवानों को मिलेगा 30 फीसद प्रोत्साहन भत्ता, प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने की भी तैयारी
एसडीआरएफ के जवानों को 30 फीसद प्रोत्साहन भत्ता दिलाए जाने की तैयारी है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। गहरी मुसीबत की घड़ी में लोगों की जान बचाने वाले राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों के लिए अच्छी खबर है। आपदा के दौरान जोखिम उठाने वाले जवानों को बिहार व अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में 30 फीसद प्रोत्साहन भत्ता दिलाए जाने की तैयारी है। साथ ही एसडीआरएफ में जवानों की प्रतिनियुक्ति की अवधि भी बढ़ाई जाएगी।

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डीजीपी मुकुल गोयल ने मंगलवार को एसडीआरएफ मुख्यालय का निरीक्षण किया और जवानों की बेहतरी के लिए कदम उठाए जाने का भरोसा दिलाया। डीजीपी ने एसडीआरएफ के अधिकारियों से प्रोत्साहन भत्ता व प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव मांगा है, जिसे जल्द शासन को भेजा जाएगा। डीजीपी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में भी तैनात रहे चुके हैं। आपदा मोचन बल का पूर्व अनुभव होने के कारण उन्हें अधिकारियों व जवानों की मुश्किलें समझने में ज्यादा समय नहीं लगा।

डीजीपी मुकुल गोयल का कहना है कि एनडीआरएफ में दूसरे बलों से जवान पांच साल की प्रतिनियुक्त पर भेजे जाते हैं। ट्रेनर को दो और साल का अतिरिक्त समय मिलता है। प्रदेश में पीएसी के जवानों को तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर एसडीआरएफ में भेजने की व्यवस्था है।

डीजीपी का कहना है कि एसडीआरफ के जवानों को बाढ़ राहत से लेकर मेडिकल फस्ट रिस्पांडर समेत अन्य विशेष प्रशिक्षण दिए जाते हैं। इसके दृष्टिगत ऐसे दक्ष जवानों को एनडीआरफ की तर्ज पर प्रदेश में तीन साल के स्थान पर पांच वर्ष तक काम करने का मौका देना अधिक उपयोगी होगा। साथ ही जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए एसडीआरएफ जवानों को प्रोत्साहन भत्ता भी महत्वपूर्ण है। डीजीपी के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के कार्यों की भी समीक्षा की गई है। प्रस्ताव मांगा गया है, जिसे जल्द शासन को भेजा जाएगा।


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