IISF 2018: हर्ष वर्धन ने किया वैज्ञानिकों से सपने पैदा करने और उन्हें पूरा करने का आह्वान
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने साइंस फेस्टिवल में युवाओं को संबोधित किया। डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों से सपने पैदा करने और पूरा करने का आह्वान किया।
लखनऊ (जेएनएन)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि वैज्ञानिक इस देश की हर समस्या को सुलझा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युवा वैज्ञानिकों की क्षमता पर जबर्दस्त भरोसा है। मोदी की अपेक्षा और युवा वैज्ञानिकों की क्षमता का बखान करते हुए उन्होंने भावुक अपील की और कहा, बड़ा काम करने के लिए सपना और उसे साकार करने के लिए जज्बा होना चाहिए।
अपने सपनों पर काम करें तो जीवन सार्थक
शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चौथे भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव का शुभारंभ करने के बाद डॉ. हर्षवर्धन देश-विदेश से आये युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा 'वैज्ञानिक अपना जज्बा कायम रखें, लक्ष्य पकड़ लें और अपने सपनों पर काम करें तो जीवन सार्थक हो जाएगा।' कहा, 'सिर्फ शोध ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि देखना होगा कि शोध से जनता की समस्या का कितना समाधान होगा। यह उत्सव ऐसे वक्त हो रहा है जब देश में सर्वाधिक युवा हैं लेकिन 20 वर्ष बाद हम इस स्थिति में नहीं होंगे। युवा वैज्ञानिकों को यह मौका चूकना नहीं चाहिए। यहां से वापस जाते समय आप खाली हाथ मत जाइए। जाते समय आपके मन में कोई नया जज्बा, कोई नया लक्ष्य, कोई सपना जरूर होना चाहिए जिसे पूरा कर दें तो जीवन धन्य हो जाएगा।'
बड़ा काम करने के लिए मोदी की तरह बनिये
हर्षवर्धन ने कहा कि सीवी रमन के बाद कोई नोबल नहीं मिला। बड़ा काम करने के लिए मोदी की तरह बनिये। जैसे वह सपने देखते और उसे साकार करते हैं। चार वर्ष में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने से भी डॉ. हर्षवर्धन नहीं चूके। उन्होंने कहा कि अगर आपके मन में देश के लिए कोई आइडिया है तो उसे सामने लाइये। उदाहरण बनाने के लिए आपके पीछे मोदी की सरकार खड़ी है। तीन उत्सवों के मुकाबले इस बार ऊर्जा बढ़ी है और गुणात्मक सुधार आया है। युवा वैज्ञानिकों को उत्साहित करने के लिए इस आयोजन की पूर्व संध्या पर देश भर में 77 कार्यक्रम आयोजित किये गए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कहा कि शोधकर्ताओं को इस उत्सव से बड़ा मौका मिलेगा। कार्यक्रम को मीनाक्षी मुंशी ने युवा वैज्ञानिकों से नए विचार लाने की अपेक्षा की, जबकि प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि इस आयोजन से पूरी दुनिया को संदेश मिलेगा। एनआइपीजीआर के निदेशक डॉ. रमेश सोनती ने आभार प्रकट किया।