लखनऊ में अब 30 जनवरी तक बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज, ऑनलाइन चलती रहेंगी कक्षाएं
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर और भीषण ठंड के बीच उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल और कॉलेज 30 जनवरी तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि लखनऊ में निजी स्कूल 24 जनवरी से खोलने की तैयारी में थे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना के बढ़ते मामलों और भीषण ठंड को देखते हुए शासन ने अभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के अपने निर्देश को जारी रखा है। इसके तहत राजधानी के सभी निजी और सरकारी स्कूल व कॉलेज 30 जनवरी तक पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान स्कूलों में ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएंगी। शासन के इस फैसले से अभिभावकों को काफी राहत मिली है तो वहीं निजी स्कूलों ने इस फैसले को उचित नहीं ठहराया है।
इससे पहले निजी स्कूलों ने 24 जनवरी से खुद को तैयार कर लिया था। इसे लेकर निजी स्कूलों की ओर से अलग अलग स्तर पर ज्ञापन देकर मांग भी की गई थी। स्कूल पढ़ाई को सर्वोपरि मान रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अभिभावक कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा को। अभिभावकों ने पहले ही अपना मत स्पष्ट कर दिया था कि वे बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। अभिभावकों का कहना है कि जब तक कोरोना के तीसरी लहर समाप्त नहीं होगी तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। सरकार का यह आदेश बच्चों के हित में है।
पहले 16 जनवरी से 23 जनवरी, अब 24 से 30 जनवरी तक बंद का आदेशः कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और भीषण ठंड के चलते सरकार ने पहले 16 जनवरी तक सभी स्कूल बंद किए जाने के आदेश जारी किए थे। हालात जस के तस रहने पर सरकार ने स्कूलों को बंद रखने के आदेश को 23 जनवरी तक बढ़ा दिया था। शनिवार को शासन ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए अपने आदेश को बढ़ा दिया है।
लखनऊ के स्कूल प्रबंधकों व संचालकों का कहना है कि 15 से 18 साल तक के अधिकारी बच्चों का टीकाकरण हो चुका है ऐसे में और पूरी तरह सुरक्षित हैं। अब उनकी पढ़ाई का और नुकसान होना किसी भी स्तर पर ठीक नहीं। इस वजह से अब सभी स्कूल खोल देने चाहिए।
क्या कहते है डीआइओएस व बीएसएः डीआइओएस डा अमरकांत सिंह और बीएसए विजय प्रताप सिंह का कहना है कि शासन स्तर पर लिया गया निर्णय सर्वमान्य होगा। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है उसी लिहाज से निर्णय लिया गया।
15 से 18 वर्ष तक के अधिकांश बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। अब स्कूल खुलने जरूरी हैं। क्योंकि पहले ही बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो चुका है। -अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
जब तक कोरोना की तीसरी लहर समाप्त नहीं हो जाती, तब तक किसी भी सूरत में अभी बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं है। स्कूल अपने स्वार्थ के लिए बच्चों को इस दौरान बुलाना चाह रहे हैं। -पीके श्रीवास्तव, अभिभावक संघ