स्कूल संचालक पुराने छात्रों से दोबारा एडमिशन फीस की करें डिमांड, तो यहां करें शिकायत
लखनऊ में किसी भी बोर्ड से सम्बद्ध एवं मान्यता प्राप्त स्कूल अपने यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं से कोई भी एडमिशन फीस नहीं ले सकते हैं। सिर्फ नए प्रवेश लेने वाले बच्चों पर नियमानुसार यह लागू है। चूंकि नए सत्र की शुरुआत होने वाली है।
लखनऊ, जेएनएन। किसी भी बोर्ड से सम्बद्ध एवं मान्यता प्राप्त स्कूल अपने यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं से कोई भी एडमिशन फीस नहीं ले सकते हैं। सिर्फ नए प्रवेश लेने वाले बच्चों पर नियमानुसार यह लागू है। चूंकि नए सत्र की शुरुआत होने वाली है। इसलिए यदि किसी भी स्कूल से अभिभावकों पर एडमिशन फीस या ड्रेस, कापी-किताब किसी भी चिन्हित दुकान से लेने के लिए बाध्य किया जाता है, तो वह जिला विद्यालय निरीक्षक से सीधे एवं उनके कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. मुकेश कुमार सिंह ने दैनिक जागरण के कार्यक्रम में पाठकों के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
Q. मेरा कानपुर रोड स्थित एक प्राइवेट स्कूल में 7वीं का छात्र है। स्कूल में नए सत्र में फिर से एडमिशन फीस के लिए कहा गया है। क्या हर साल ये फीस देनी होगी ?-अमर कुमार, आलमबाग
A. जी, बिल्कुल नहीं। फीस अधिनियम में स्पष्ट है कि यदि बच्चा पहले से स्कूल में पढ़ रहा है तो उसकी एडमिशन फीस दोबारा नहीं जमा करनी होगी। सिर्फ नए एडमिशन पर यह व्यवस्था लागू होगी। अगर कोई स्कूल पुराने छात्रों से ऐसी फीस के लिए दबाव बना रहे हैं तो अभिभावक मेरे मोबाइल नंबर 9454457262 पर सूचना दे सकते हैं।
Q. बेटा सीएमएस में पढ़ता है। छह महीने से मुझे वेतन नहीं मिला है। स्कूल वाले एक दिन भी फीस लेट होने पर 600 रुपये चार्ज ले रहे हैं। न देने पर नाम काट देते हैं।-सुधीर भटनागर, रकाबगंज
A. इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल से मिलकर अपनी समस्या बताइये। मैं भी स्कूल प्रबंधन से बात करूंगा। ऐसे किसी बच्चे का नाम नहीं काटा जा सकता। वहीं, सीएमएस के मीडिया प्रभारी ऋषि खन्ना का कहना है कि हर महीने की 15 तारीख के बाद ही ढाई सौ रुपये चार्ज लेट फीस लगती है, वो भी प्रिंसिपल के कहने पर माफ कर दी जाती है।
Q. मेरी दो बेटियां नवयुग रेडियंस राजेंद्र नगर में पढ़ती हैं। क्या कुछ फीस माफ हो सकती है ?-संदीप मिश्रा, पीली कालोनी ऐशबाग
A. शासन की ओर से फीस माफी का लिखित में कोई आदेश नहीं है। लेकिन आप स्कूल प्रबंधन से मिलकर बात करें तो कुछ समस्या हल हो सकती है। या फिर मेरे कार्यालय में आवेदन करें तो मैं भी अपने स्तर से स्कूल को पत्र लिखूंगा।
Q. बेटी केशव नगर स्थित एक निजी स्कूल में 7वीं की छात्रा है। कोविड काल की वजह से मेरी नौकरी चली गई थी। 12 महीने की फीस नहीं जमा कर पाया तो स्कूल ने बेटी को आनलाइन क्लास से बाहर कर दिया। स्कूल आने से भी मना कर दिया। स्कूल पूरी फीस चाहता है। क्या करूं ?-बलराज सिंह बनर्जी लखनऊ
Q. शासन की नीति में सिर्फ एडवांस फीस और ट्रांसपोर्ट फीस न लेने की बात कही गई है। फीस माफी की व्यवस्था नहीं है। फिर भी हमें लिखकर दीजिए तो स्कूल से बात करके समस्या का समाधान कराया जाएगा।
हमने एक महीने की फीस जमा कर दी थी। लेकिन फिर आर्थिक दिक्कत की वजह से नहीं जमा कर पाए। अब स्कूल 12 महीने की पूरी फीस मांग रहा है। कक्षा एक में पढ़ने वाली बेटी को आनलाइन ग्रुप से भी हटा दिया है।-रितेश जायसवाल, दुर्गागंज काकोरी
Q. किसी भी तरह की फीस माफी का प्राविधान नहीं है। लेकिन नाम काटने का भी कोई जिक्र नहीं है। फिर भी आप शिक्षा भवन स्थित मेरे कार्यालय में आवेदन करिए, कोशिश करके समस्या का निस्तारण कराया जाएगा।
मिशनरी स्कूल में भतीजे का नसर्री में दाखिला कराने के लिए आवेदन किया था। फार्म भरते समय राष्ट्रीयता कालम भरना रह गया। इस पर स्कूल ने दोबारा कोई मौका न देकर फार्म निरस्त कर दिया।-शिवम गुप्ता, लखनऊ
A. बतौर अभिभावक आपको फार्म इसलिए दिया जाता है ताकि उसे ठीक से देखकर भरें और फिर हस्ताक्षर भी करें। स्कूलों ने भी अपने नियम बना रखे हैं कि जो आवेदन त्रुटिपूर्ण या अधूरा है उसे निरस्त कर दिया जाए। इसलिए फार्म जमा करने से पहले सभी को अच्छी तरह पढ़ना चाहिए।
Q. मेरे परिचित देवी सिंह थे, उनका निधन हो गया। उनकी दोनों बेटियों ने न्यू वर्ल्ड पब्लिक स्कूल फैजुल्लागंज ने 12वीं कर लिया। लेकिन फीस बकाया होने की वजह से स्कूल ने उनकी मार्कशीट रोक ली है।-वीरेंद्र, फैजुल्लागंज
A. स्कूलों को मानवीय दृष्टिकोण रखना चाहिए। तत्काल स्कूल के प्रिंसिपल से बात करके दोनों छात्राओं की मार्कशीट देने के निर्देश दिए। स्कूल ने भी कहा कि अभिभावक आ जाएं मार्कशीट दे दी जाएगी।
Q. दुबग्गा स्थित फरीदीपुर में एक स्कूल में कक्षा एक पांच तक के बच्चों को भी बुलाया जा रहा है। जबकि कोविड की वजह से शासन के कोई निर्देश नहीं हैं।-विकास, दुबग्गा
A. कोविड की वजह से शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि अभी कक्षा एक से पांच तक किसी भी स्कूल में बच्चे नहीं बुलाए जा सकते। यदि ऐसा है तो शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Q. बेटी रेड रोज स्कूल कानपुर रोड में 10वीं की छात्रा है। कोविड काल में कोचिंग पढ़ाता था वो भी छूट गई। इसलिए आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। स्कूल ने 15 फीसद फीस में छूट दी है, क्या और हो सकती है ?-अनिल कुमार, कानपुर रोड
A. फीस में छूट देने का अधिकार स्कूल प्रबंधन के पास है। उनसे मिलकर बात करिए। अपनी समस्या बताइए। संभवता फीस में और छूट मिल जाए।
Q. पिछले साल कोविड की वजह से स्कूलों में दो-तीन महीने की जगह मासिक शुल्क जमा करने की छूट दी गई थी। अभी स्थितियां पटरी पर नहीं हैं। क्या इस बार भी आगामी सत्र में मासिक शुल्क जमा करने की व्यवस्था लागू होगी ? -अमितेश सक्सेना, चौक
A. कुछ अभिभावकों ने मांग उठाई है। इसलिए शासन को पत्र भेजकर अनुरोध किया जाएगा कि नए सत्र में भी मासिक फीस जमा करने की व्यवस्था की जाए। इससे तमाम अभिभावकों को राहत मिल सकेगी। हालांकि अंतिम निर्णय शासन को ही लेना है।
Q. चारबाग स्थित बाल विद्या मंदिर स्कूल में मेरा बेटा पिछले साल कक्षा दो में था। अप्रैल में कक्षा तीन में आया तो लाकडाउन हो चुका था। एक महीने आनलाइन क्लास से जुड़ा। उसके बाद से उसने कोई क्लास नहीं ली। अब जब कक्षा दो की मार्कशीट, टीसी मांग रहे तो स्कूल छह महीने की फीस मांग रहे।-नैना यादव, लालबाग
A. जब आपने पढ़वाया ही नहीं तो स्कूल किस बात की फीस ले रहा। मैं बात करता हूं। इस मामले में प्रिंसिपल से तत्काल बात करके टीसी व मार्कशीट देने के निर्देश दिए।
Q. हर बार कहा जाता है कि स्कूल किसी एक दुकान से ड्रेस, कापी-किताबें खरीदने का दबाव नहीं बना सकेंगे, फिर भी कई स्कूल ऐसा करते हैं। अब नए सत्र में फिर वही समस्या होगी। इसके लिए क्या करेंगे-मोहित तिवारी, सआदतगंज
A. स्पष्ट निर्देश है कि स्कूल किसी दुकान से पाठन-पाठन सामग्री या यूनीफार्म आदि के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाएंगे। यदि कोई ऐसा करता है तो मेरे मोबाइल नंबर पर तत्काल सूचना दें, संबंधित स्कूल से जवाब तलब कर कार्रवाई की जाएगी।
Q. कोविड की वजह से बहुत से अभिभावकों की नौकरी चली गई थी। जिसकी वजह से वह आर्थिक तंगी झेल रहे। पिछले साल सरकार ने कुछ राहत देते हुए फीस न बढ़ाने का आदेश दिया था। क्या नए सत्र में भी यह लागू रहेगा ?-विशाल राठौर, डालीगंज
A. अभी इस संबंध में शासन की ओर से कोई नया आदेश या गाइडलाइन नहीं जारी की है। ऐसा होगा, वह समाचार पत्र के माध्यम से अभिभावकों को बताया जाएगा।
Q. कोरोना काल में स्कूल बंद रहा। आनलाइन कक्षाओं के नाम पर भी कुछ नहीं हुआ। फिर भी संडीला के सुभान खेड़ा में स्थित स्कूल में बंद महीनों की भी फीस ली जा रही।-वसी हैदर, गौसगंज
A. यदि आनलाइन क्लास नहीं चलीं तो फीस नहीं ली जा सकती। इस मामले में आप जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क कर शिकायत करें। समाधान होगा।