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Scam in PPE Kit Purchase: पीपीई किट खरीद में फर्जीवाड़ा उजागर, जाली दस्तावेजों से नौ करोड़ की धोखाधड़ी

Scam in PPE Kit Purchase यूपी मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड के नाम का दुरुपयोग कर जालसाजों ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नौ करोड़ 62 लाख 90 हजार 726 रुपये की धोखाधड़ी की है। पानीपत के मेसर्स महादेव एक्सपोर्ट के प्रतिनिधि ने दर्ज कराई शिकायत।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 03:50 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 03:50 PM (IST)
Scam in PPE Kit Purchase: पीपीई किट खरीद में फर्जीवाड़ा उजागर, जाली दस्तावेजों से नौ करोड़ की धोखाधड़ी
COVID-19 Lucknow News: जालसाजों ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नौ करोड़ 62 लाख 90 हजार 726 रुपये की धोखाधड़ी की।

लखनऊ, जेएनएन। COVID-19 Lucknow News: राजधानी में पीपीई किट खरीद में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। यूपी मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड के नाम का दुरुपयोग कर जालसाजों ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नौ करोड़ 62 लाख 90 हजार 726 रुपये की धोखाधड़ी की है। कार्पोरेशन की ओर से सुशांत गोल्फ सिटी थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। पानीपत के मेसर्स महादेव एक्सपोर्ट के प्रतिनिधि ने आठ फरवरी को गोमतीनगर पुलिस से शिकायत की थी। कंपनी का कहना था कि कार्पोरेशन के लेटर हेड व अधिकारियों के हस्ताक्षर से पीपीई किट की मांग की गई थी।

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गोमती नगर पुलिस ने कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेज की जांच के लिए कार्पोरेशन से संपर्क किया। इस पर सामने आया कि आपूर्ति क्रय के आदेश पर महाप्रबंधक का हस्ताक्षर है, जो कार्पोरेशन के अस्तित्व में ही नहीं है। जालसाजों ने ई-मेल आइडी में भी फेरबदल किया था। छानबीन में पता चला कि फर्म ने निगम की ओर से निकाले गए एक टेंडर में प्रतिभाग किया था। हालांकि तकनीकी कारणों से फर्म पहले चरण में ही निविदा से बाहर हो गई थी। फर्म की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज से पता चला कि पीपीई किट सप्लाई सीएचसी गोमतीनगर, आरएमएलआइएमएस विभूतिखंड, यूपी एमएससीएम वेयर हाउस रायबरेली रोड एसजीपीजीआइ वेयर हाउस के पास की गई है।

जांच में पता चला कि पीपीई किट की सप्लाई सीधे किसी चिकित्सा इकाई को नहीं की जाती है। यही नहीं, पीजीआइ रोड पर कार्पोरेशन का कोई वेयर हाउस ही नहीं है। जालसाजों ने जिन स्थानों पर पीपीर्ई किट मंगवाई थी, उनके पते फर्जी मिले। कार्पोरेशन का आरोप है कि उनकी छवि खराब करने और गलत ढंग से रुपये कमाने के लिए किसी गिरोह ने फर्जीवाड़ा किया है। कार्पोरेशन की ओर से डीसीपी दक्षिणी को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई। इसके बाद शनिवार को पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।

महादेव एक्सपोर्ट के निदेशक नीरज आहूजा का कहना है कि वह लखनऊ में निगम के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि कार्पोरेशन ने कोई आर्डर ही नहीं दिया था। नीरज ने थाना चांदनी बाग पुलिस से शिकायत की है। नीरज आहूजा ने भुगतान के लिए कहा तो उनसे कहा गया कि शासन ने विभाग को कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं। इसलिए भुगतान में देरी हो रही है। दबाव बनाए जाने पर आरोपितों ने एक चेक तीन करोड़ का दिया। आइसीसीआइ बैंक में वे गए तो वहां पता चला कि ये चेक गलत है। अब आरोपितों ने दूसरा, चार करोड़ का चेक दिया है, जिसे नीरज ने बैंक में लगाया है। 


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