Move to Jagran APP

Lucknow Coronavirus News: ज‍िंंदगीभर वायरस से लड़ने वाले पीजीआइ के प्रो. टीएन ढोल का कोरोना वायरस से न‍िधन

प्रो. टीएन ढोल के शोध छात्र डा. धर्मवीर सिंह कहते है कि उन्‍होंने स्वाइन फ्लू की जांच तकनीक स्थापित की जिसके अनुभव के आधार पर हम लोग आज कोरोना की जांच बिना किसी रूकावट के कर रहे हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 12:23 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 12:23 PM (IST)
Lucknow Coronavirus News: ज‍िंंदगीभर वायरस से लड़ने वाले पीजीआइ के प्रो. टीएन ढोल का कोरोना वायरस से न‍िधन
पूरी जिंदगी वायरस से लोहा लेने वाले प्रो. ढोल को वायरस ने दिया मात।

लखनऊ, जेएनएन। पूरी जिंदगी वायरस से लोहा लेने वाले संजय गांधी पीजीआइ के माइक्रोबायलोजिस्ट रहे प्रो. टीएन ढोल को वायरस ने ही हरा दिया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए एक सितंबर के संस्थान के कोरोना अस्पताल में भर्ती हुए थे तमाम प्रयास के बाद हालत बिगड़ती गयी । बीती देर रात उनकी मौत हो गयी है। प्रो. ढोल पोलियो, जपानी इंसेफेलाइटिस, स्वाइन फ्लू वायरस के जांच की तकनीक को स्थापित करने के साथ ही इसका विस्तार किया।

loksabha election banner

पोलियो उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ हाथ मिलाया जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। ऊत्तर भारत का एक मात्र सेंटर पीजीआइ बना जहां पर पोलियो के जांच के नमूने आते है। पोलियो उन्मूनल के लिए 1998 में प्रोजेक्ट शुरू किया जो आज भी जारी है। इसके आलावा जेई वायरस के जांच की सुविधा स्थापित करने के साथ विस्तार किया। प्रो. ढोल संस्थान की नींव के साथ 1988 में बतौर सहायक प्रोफेसर ज्वाइन किया शुरू से उहोंने वायरोलाजी( वायरस ) पर काम करना शुरू किया अभी हाल में वह रिटायर हुए थे।

सौ से अधिक शोध

प्रो. टीएन ढोल सौ से अधिक शोध छात्रों के गाइड रहे। 389 शोध पत्र उनके इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल में स्वीकार हुए जिससे तमाम शोध छात्र आज उनके शोध पत्र को बतौर रिफरेंश कोट करते हैं। उनके शोध छात्र डा. धर्मवीर सिंह कहते है कि स्वाइन फ्लू की जांच तकनीक स्थापित किया जिसके अनुभव के आधार पर हम लोग आज कोरोना की जांच बिना किसी रूकावट के कर रहे हैं। प्रो. ढोल को उत्तर भारत में वायरोलाजी शुरू करने का श्रेय जाता है। प्रो. ढोल के निधन पर विभाग की प्रमुख प्रो. उज्जवला घोषाल कहती है कि वह मेरे टीचर रहे है यह माइक्रोबायलोजी चिकित्सा विज्ञान के लिए बडी क्षति है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.