UP Election: समाजवादी पार्टी ने लखनऊ की दो सीटों पर खोले पत्ते, अनुभव की पैडल से दौड़ेगी साइकिल
UP Vidhan Sabha Election 2022 अम्ब्रीष सिंह पुष्कर 2017 में लखनऊ से एकमात्र सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी विजय लक्ष्मी को जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनाया था। अम्ब्रीष ने 2017 में बसपा के राम बहादुर को 534 वोटों से हराया था।
लखनऊ, [निशांत यादव]। समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को लखनऊ की नौ में से दो सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए। लखनऊ ग्रामीण की मोहनलालगंज और मलिहाबाद सुरक्षित सीटों से प्रत्याशी की घोषणा होते ही शेष सात सीटों पर पार्टी के दावेदारों की बेचैनी बढ़ गयी है। समाजवादी पार्टी ने अनुभव को वरीयता देकर शेष् सात सीटों के टिकट को लेकर संकेत दे दिए हैं। सपा ने लखनऊ ग्रामीण की दोनों सीटों पर जातीय समीकरण साधते हुए और आधी आबादी को ध्यान में रखकर पूर्व सांसद सुशीला सरोज को मलिहाबाद से उम्मीदवार बनाया है। जबकि मोहनलालगंज विधानसभा से मौजूदा विधायक अम्ब्रीष पुष्कर को सपा ने दोबारा मौका दिया है।
मलिहाबाद सीट से केंद्र सरकार में मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा से जीती थीं। जबकि सपा की राजबाला रावत को हार का सामना करना पड़ा था। इस हाई प्रोफाइल सीट पर इस बार कौशल किशोर की पत्नी की जगह उनके बेटे के चुनाव लड़ने की चर्चा है। ऐसे में सपा ने मिश्रिख से 1999 और 2009 में मोहनलालगंज से सांसद चुनी गईं सुशीला सरोज को मैदान में उतारा है। सुशीला सरोज मोहनलालगंज लोकसभा चुनाव 2014 में हार गई थीं। वह तीसरे नंबर पर आयी थीं जबकि बसपा से लड़कर आरके चौधरी दूसरे स्थान पर थे। भाजपा से कौशल किशोर ने चुनाव जीता था। सुशीला सरोज की पिछले कुछ महीनों से मलिहाबाद में सक्रियता बढ़ी थी।
इस सीट से भीतरी गुटबाजी को रोकने के लिए पूर्व विधायक इंदल रावत, पूर्व प्रत्याशी राजबाला रावत, सीएल वर्मा और सोनू कनौजिया की जगह पार्टी ने सुशीला सरोज को उतारा। वही एक महिला को टिकट देकर आधी आबादी में संदेश देने का भी प्रयास किया है। इसी तरह मोहनलालगंज के मौजूदा विधायक अम्ब्रीष पुष्कर को दोबारा मौका दिया है। वर्ष 2017 में सपा के टिकट पर लखनऊ से एकमात्र विधायक चुने गए अम्ब्रीष पुष्कर की पत्नी विजय लक्ष्मी को सपा ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया था। विजय लक्ष्मी जिला पंचायत अध्यक्ष की भी सपा से प्रत्याशी थीं।
अम्ब्रीष पुष्कर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के राम बहादुर को कड़ी टक्कर में 530 वोटों से हराया था। रामबहादुर अब भाजपा में हैं। भाजपा राम बहादुर को यहां से मैदान में उतार सकती है। जबकि इस चुनाव में भाजपा के समर्थन से लड़ने वाले आरके चौधरी अब समाजवादी पार्टी में हैं। सपा ने मौजूदा विधायकों वाली सीटों से दावेदारों के आवेदन नहीं मांगे थे। ऐसे में अम्ब्रीष पुष्कर को दोबारा टिकट मिलने की संभावनाएं पहले से जतायी जा रहीं थी।