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शहीद पथ के 1500 गड्ढों में शहीद हो रही सफर की सुरक्षा, पीएम से सीएम तक करते हैं आवागमन

लखनऊ में एअरपोर्ट से लेकर कानपुर रोड रायबरेली सुल्तानपुर सहित अयोध्या रोड को जोड़ने वाला शहीद पथ इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। करीब 23 किलोमीटर पथ पर 1500 से भी अधिक गड्ढे हैं। इसी पथ से प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और राज्यपाल व अन्य वीवीआइपी आवागमन करते हैं।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 07:42 AM (IST)
शहीद पथ के 1500 गड्ढों में शहीद हो रही सफर की सुरक्षा, पीएम से सीएम तक करते हैं आवागमन
शहीद पथ पर गड्ढों के करीब से गुजरते यात्री।

लखनऊ, [विनय तिवारी] । लखनऊ में एअरपोर्ट से लेकर कानपुर रोड, रायबरेली, सुल्तानपुर सहित अयोध्या (फैजाबाद) रोड को जोड़ने वाला शहीद पथ इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। हालत यह है कि करीब 23 किलोमीटर पथ पर 1500 से भी अधिक गड्ढे हैं। एअरपोर्ट से सीधे लखनऊ के मुख्य शहर समेत अन्य बड़े जनपदों को कनेक्ट करने के चलते रोजोना इस पथ पर हजारों वाहन छोटे-बड़े और भारी वाहन गुजरते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से लेकर अन्य वीवीआइपी का आवागमन भी इस पथ पर होता रहता है। बावजूद शहीद पथ पर जगह-जगह बने गड्ढों में यात्रियों की सुरक्षा दांव पर है। आए दिन लोग इन गड्ढों की वजह से घायल होते रहते हैं। काफी लोग दुर्घटना में दम भी तोड़ देते हैं। बावजूद इस पथ को ठीक नहीं कराया जा रहा है।

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स्पीड में चल रहे चार पहिया व दो पहिया वाहनों के पहिए जब अचानक इन गड्ढों में जाते हैं तो चालक नियंत्रण खो बैठता है। ऐसे में वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। बावजूद भी इस पथ को बनवाने के लिए अनदेखी की जा रही है। आज शनिवार को सुबह 10:30 बजे सैनिक नगर के रहने वाले बाइक सवार दंपत्ति गोमती नगर की ओर जा रहे थे, जैसे ही वृंदावन सेक्टर-7 शहीद पथ पर पहुंचे तभी अचानक बाइक का पहिया गड्ढे में जाने से बाइक अनियंत्रित हो गई और वह गिर कर घायल हो गए। राहगीरों ने तुरंत उनको अस्पताल भेजा।

पैचिंग भी मानक के विपरीतः जब भी गड्ढों को बंद करने के लिए ठेका दिया जाता है तो कुछ ठेकेदार द्वारा मानक के विपरीत मैटेरियल लगाकर पैचिंग कर दी जाती है, जो कुछ ही दिन के बाद फिर उखड़ जाती है। फिर पैचिंग की गिट्टी उखाड़ कर सड़क पर फैली रहती है। ऐसे में दो पहिया वाहनों के इस पर फिसलकर गिरने की आशंका बनी रहती है। राह गीर दिनेश कुमार वर्मा ,अनिल श्रीवास्तव ,राजेंद्र सिंह, विनीता कश्यप, अरुण कुमार जैसे तमाम लोगों का कहना है कि इसी रास्ते से हम लोग अपने कार्यालय आते जाते हैं। कई बार दुर्घटनाग्रस्त होने से बचे हैं। अब तो ऐसा लगता है कि कोई पुरानी गांव की सड़क पर चल रहे हैं। इतने गड्ढे हैं कि हर समय दुर्घटना का डर लगा रहता है। जबकि सभी मंत्री और अधिकारी भी इसी शहीद पथ से आते जाते हैं। हैरानी है कि उन्हें भी शहीद पथ की यह दुर्दशा दिखाई नहीं देती। 

हर अंडरपास के जोड़ों पर हैं एक एक फुट चौड़ी दरारेंः पूरे शहीद पथ पर गड्ढे तो हैं ही। साथ ही इस पथ पर जो भी अंडरपास और रेलवे ओवरब्रिज हैं उनकी जोड़ों पर इतनी गहरी दरारें हैं कि कोई भी दो पहिया वाहन जरा सी चूक होते ही अनियंत्रित होकर गिर जाता है। शहीद पथ के दोनों तरफ बनी सर्विस लाइन का भी यही हाल है। स्ट्रीट लाइट तक गायब हो गई है। दुर्घटना की एक यह भी वजह है। शहीद पथ के दोनों तरफ जो सर्विस लेन बनाई गई है, उसमें लगी स्ट्रीट लाइटें पिछले कई वर्षों से चोरी हो चुकी हैं। अभी तक लगाई नहीं गई। रात के अंधेरे में आए दिन दुर्घटनाओं के साथ-साथ लूट व छेड़छाड़ भी होती रहती है।

दुर्घटनाओं के यह हैं मुख्य कारणः 

लगभग 21 किलोमीटर लंबे शहीद पथ पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हैं गड्ढे।

पथ के दोनों तरफ सड़क पर फैली गिट्टी

सभी अंडरपास व रेलवे ब्रिज के ऊपर एक फुट से भी अधिक चौड़ी दरारें पड़ी

शहीद पथ सर्विस लाइन की ओर आने के लिए भी बीच से टूटी है सड़क।

कई अवैध रूप से बने हैं कट। 


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