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UP: कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव से भी बचाने को बनेगा सुरक्षा चक्र, टीकाकरण केंद्रों पर अलर्ट पर रहेगी एंबुलेंस

कोरोना का टीका सुरक्षित ढंग से लगाए जाने के फूल-प्रूफ इंतजाम उत्तर प्रदेश में किए जा रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति को टीका लगाए जाने के बाद उसकी हालत बिगड़ती है तो टीकाकरण केंद्रों पर विशेष जीवन रक्षक किट होगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 06:30 AM (IST)
UP: कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव से भी बचाने को बनेगा सुरक्षा चक्र, टीकाकरण केंद्रों पर अलर्ट पर रहेगी एंबुलेंस
कोरोना का टीका सुरक्षित ढंग से लगाए जाने के फूल-प्रूफ इंतजाम उत्तर प्रदेश में किए जा रहे हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना का टीका सुरक्षित ढंग से लगाए जाने के फूल-प्रूफ इंतजाम उत्तर प्रदेश में किए जा रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति को टीका लगाए जाने के बाद उसकी हालत बिगड़ती है तो टीकाकरण केंद्रों पर विशेष जीवन रक्षक किट होगी। इसमें प्रोफिलैक्सिस किट के साथ एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्यूनाईजेशन (एईएफआइ) किट भी मौजूद रहेगी। वहीं विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद से उसे इस दुष्प्रभाव से बचाया जाएगा।

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यही नहीं आधे घंटे आब्जर्वेशन रूम में रहने के बाद अगर कोई व्यक्ति घर जाता है और वहां उसे कोई परेशानी होती है, तो तत्काल एंबुलेंस की मदद से उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के पास इलाज के लिए लाया जाएगा। टीका लगाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन निगरानी होगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा सोमवार को सभी जिलों में मास्टर ट्रेनर की दो दिवसीय वर्चुअल ट्रेनिंग शुरू की गई। सभी जिलों में तैयार किए जा रहे यह मास्टर ट्रेनर आगे अपने-अपने जिलों में ट्रेनिंग देंगे। सोमवार को वर्चुअल ट्रेनिंग में बताया गया कि हर टीकाकरण केंद्र में चार स्टाफ रहेंगे। वहीं तीन कमरे होंगे। पहले कमरे में डॉक्युमेंटर वेरीफिकेशन होगा, दूसरे में टीकाकरण और तीसरे कमरे में आब्जर्वेशन के लिए आधे घंटे व्यक्ति को रोका जाएगा।

वैक्सीन इंट्रा मस्क्यूलर होगी। पहला डोज लगने के 28 वें दिन दूसरी डोज लगाई जाएगी। हर जनपद में एक ही कंपनी की वैक्सीन भेजी जाएगी। जिस कंपनी के टीके की पहली डोज लगेगी, उसी की दूसरी डोज भी लगाई जाएगी। सभी जिलों के सीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, एनएचएम के मंडलीय व जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम अधिकारी आइसीडीएस, अर्बन हेल्ड कोआर्डिनेटर, जिला कोल्ड चेन हैंडलर, जिला स्तरीय डाटा इंट्री आपरेटर, जनपद स्तर पर कार्यरत सहयोगी संस्थाओं डब्ल्यूएचओ व यूनीसेफ के प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग दी गई।


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