बहराइच: मेडिकल रिपोर्ट के खेल में निर्दोष पहुंच गए जेल, RTI से हुआ खुलासा
बहराइच में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट से निर्दोषों को जेल भेजा गया जनसूचना से खुली मामले की पोल।
बहराइच [संतोष श्रीवास्तव]। जिला अस्पताल में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने का रैकेट चल रहा है। ऐसी ही रिपोर्ट के चलते तीन लोगों को निर्दोष होने के बावजूद जेल जाना पड़ा। आरटीआइ से फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद चिकित्सक व एक्स-रे टेक्नीशियन के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मचा है।
यह है मामला
रामगांव थाना क्षेत्र के सोहरवा निवासी सुंदरलाल, गामा, रामदुलारे व अशोक का बुद्धु एंव राममूरत आदि से अक्टूबर 2007 में विवाद हुआ था। इस दौरान राममूरत आदि ने गामा को गोली मार दी थी। इसमे राममूरत व साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस से साठगांठ कर आरोपित ने तहरीर देकर क्रास केस कराकर अपना चिकित्सीय परीक्षण करवाया और तत्कालीन ईएमओ से अपनी खोपड़ी व हाथ का एक्स-रे एडवाइज कराया। इस दौरान एक्स-रे टेक्निशियन व चिकित्सक ने असली रिपोर्ट को दरकिनार कर उसी एक्सरे प्लेट नंबर पर सिर में व हाथ में गंभीर चोट दिखाकर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर पुलिस को रिसीव करा दिया, इससे वादी मुकदमा सुंदरलाल समेत तीन लोग प्राणघातक हमले में जेल भेज दिए गए।
पीड़ित की शिकायत पर मेडिकल बोर्ड गठित हुआ, जिसमेंं फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। पीड़ित ने जनसूचना के माध्यम से मेडिकल रिपोर्ट की छाया प्रति मांगी तो पूरा मामला साफ हो गया।पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों को तहरीर देकर फर्जी रिपोर्ट बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन पुलिस मौन साधे रही। पीड़ित ने न्यायालय में वाद दायर किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए। कोतवाल रमेश ने बताया कि मामले में चिकित्सक डॉ. ओपी सिंह व एक्स-रे टेक्नीशियन राकेश कुमार सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।