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पहचान बदलकर खाड़ी देश भी गए हैं रोहिंग्या, UP के कई ज‍िलों में जमाईं जड़ें; तलाश में जुटी ATS

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय रोहिंग्या सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पहचान बदलकर रोजगार के लिए जारी रहे खाड़ी देश। एक आरोपित से पूछताछ शुरू करेगी एटीएस। भारतीय मूल के दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले गिरोह के स्थानीय मददगारों की भी तलाश तेज की गई है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 06:08 PM (IST)
पहचान बदलकर खाड़ी देश भी गए हैं रोहिंग्या, UP के कई ज‍िलों में जमाईं जड़ें; तलाश में जुटी ATS
यूपी: भारतीय मूल के दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले गिरोह के स्थानीय मददगारों की भी तलाश तेज की गई है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। यूपी के कई जिलों में जड़ें जमा चुके रोहिंग्या सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पहचान बदलकर रोजगार के लिए खाड़ी देशों का भी रुख कर रहे हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को ऐसे कई रोहिंग्या के बारे में ठोस जानकारी मिली है। सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश के जरिए रोहिंग्या को यहां लाकर उनकी पहचान बदलाने का काम कर रहे स‍िंडीकेट के मास्टमाइंड के बारे में भी अहम सुराग मिली हैं। इस शख्स के बैंक खाते में बड़ी रकम जमा होने की बात भी सामने आई है और उसका नेटवर्क दूसरे राज्यों से भी जुड़ा है। करीब दो साल से मिलेट्री इंटेलीजेंस भी रोहिंग्या के इस नेटवर्क के बारे में छानबीन कर रही थी और उसने भी कई अहम जानकारियां एटीएस से साझा की थीं। 

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एटीएस ने अलीगढ़ में अपनी पहचान बदलकर रह रहे रोहिंग्या हसन अहमद व उसके भाई उन्नाव में रहे शाहिद से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर उनके अन्य साथियों की तलाश तेज की है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि हसन कई बार बांग्लादेश गया था। सूबे में रोहिंग्या संतकबीरनगर, अलीगढ़, मेरठ, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, कानपुर व अन्य जिलों में जड़ें जमा चुके हैं। इसके दृष्टिगत खुफिया तंत्र को भी सक्रिय किया गया है। इसके साथ ही रोहिंग्या को ठेके पर यहां लाकर उन्हें भारतीय मूल के दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले गिरोह के स्थानीय मददगारों की भी तलाश तेज की गई है।  

एक अधिकारी के अनुसार रोहिंग्या को यहां आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के पीछे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है, जबकि पासपोर्ट मुहैया कराने के बाद उन्हें खाड़ी देशों में नौकरी मिलना आसान हो जाता है। पहचान बदलकर खुद को भारतीय नागरिक बताते ही उनके लिए बाहर जाने के रास्ते खुल जाते हैं। उल्लेखनीय है कि एटीएस ने म्यामार के मूल निवासी हसन अहमद व उसके भाई शाहिद को गिरफ्तार किया है। 

बताया गया कि दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने शाहिद की बुधवार सुबह से चार दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। एटीएस अब उससे नए सिरे से पूछताछ शुरू करेगी। जबकि हसन की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी पर सुनवाई बुधवार को होगी। 


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