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सेवानिवृत्त शिक्षक डा.हरिनारायण उपाध्याय का उप मुख्यमंत्री करेंगे सम्मान, मिल चुका है उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार

लखनऊ के एमडी शुक्ला इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा.हरिनारायण उपाध्याय आर्थिंग तंगी में पढ़ाई के साथ गरीबों के बच्चों को घर जाकर पढ़ाते हैं। 31 अगस्त का सेवानिवृत्त के बाद उन्हें पुरस्कार प्राप्त करने का मौका मिलेगा। उनकी सेवा में रहते पुरस्कार पाने की तमन्ना जरूर है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 11:52 AM (IST)
सेवानिवृत्त शिक्षक डा.हरिनारायण उपाध्याय का उप मुख्यमंत्री करेंगे सम्मान, मिल चुका है उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार
एमडी शुक्ला इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा.हरिनारायण उपाध्याय को मिलेगा पुरस्कार।

लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। जाके पैर न फटे बेवाइ वो क्या जाने पीर पराई...। यह कहावत नक्खास के एमडी शुक्ला इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा.हरिनारायण उपाध्याय पर बिल्कुल सटीक बैठती है। आर्थिंग तंगी में पढ़ाई के साथ गरीबों के बच्चों को घर जाकर पढ़ाने की उनकी ललक ने उन्हें आम से खास बना दिया। घमंड से दूर जमीन से जुड़े रहने की उनकी इस प्रवृत्ति का नजीता यह रहा किउन्हें प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ राज्य शिक्षक पुरस्कार दिया जा चुका है। समय का चक्र कुछ ऐसा है कि 31 अगस्त का सेवानिवृत्त के बाद उन्हें पुरस्कार प्राप्त करने का मौका मिलेगा जिसका उन्हें कोई मलाल भले ही न हो, लेकिन सेवा में रहते पुरस्कार पाने की तमन्ना जरूर है।

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पुरस्कार भले ही सेवानिवृत्त के बाद मिले लेकिन 31 अगस्त को उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा और विधि एवं न्यायमंत्री ब्रजेश पाठक उनका सम्मान करेंगे। इन्हीं के द्वारा विद्यालय में बले नव निर्मित कक्ष का लोकार्पण भी किया जाएगा। लखनऊ समेत कई जिलों के सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य भी उनकी विदाई समारोह को यादगार बनाने के लिए मौजूद रहेंगे।

जीवन का गहना है अनुशासन: डा.हरिनारायण उपाध्याय का कहना है कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता, बस सेवानिवृत्त के बाद उसकी सामाजिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है। गरीब , असहाय बच्चों को पढ़ाने और मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि जीवन का सबसे बड़ा गहना अनुशासन होता है जो आपको आगे बढ़ने में मदद करता है। मेरा जन्म अमेठी पूरे कोदई ग्राम के किसान परिवार में हुआ। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के होने के बावजूद अनुशासन और नियमबद्धता के बल पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक और फिर ऋग्वेद में पर्यावरणीय चेतना एक समीक्षात्मक अनुशीलन पर शोध के लिए डाक्टरेट की उपाधि मिली। जौनपुर के नौपेड़वा स्थित यादवेश इंटर कालेज में 1980 से शिक्षक के तौर पर ज्ञान का उजियारा फैलाने का मौका मिला, इसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2003 में लएमडी शुक्ला इंटर कालेज में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात हुए। 18 साल के बाद अब सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।


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