Cyber Fraud: लखनऊ में साइबर जालसाजों के निशाने पर अब सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, जानिए कैसे बचें ठगी से
साइबर फ्रॉड सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों से जीवन प्रमाणपत्र वैरीफिकेशन के नाम पर फोन कर जुटा रहें खाते और आधार कार्ड की जानकारी । इसके बाद बैंक खातों से उड़ा रहें लाखों रुपये 50 से अधिक शिकायतें साइबर क्राइम सेल के पास ।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। साइबर जालसाजों के निशाने पर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं। वह उन्हें फोन करके जीवन प्रमाणपत्र दाखिल करने और वैरीफिकेशन कराने के नाम पर बैंक खाते और आधार कार्ड की जानकारी जुटा रहे हैं। जालसाज खुद को ट्रेजरी अफसर बताकर फोन करते हैं। इसके बाद खाते से लाखों रुपये उड़ा दे रहे हैं। लखनऊ समेत कई अन्य जनपदों के करीब 50 से अधिक मामले साइबर क्राइम सेल और थाने में जांच के लिए आए हैं। टीमें ऐसे साइबर जालसाजों को ट्रेस करने में लगी हैं।
दारोगा के खाते से निकलें 8.14 लाख: समनान गार्डेन कालोनी निवासी दारोगा सैयद अली 31 जून 2019 को शाहजहांपुर से रिटायर्ड हुए। उन्होंने बताया कि बैंक खाता शाहजहांपुर टाउन हाल की स्टेट बैंक की ब्रांच में है। बीते 26 मई को उनके पास फोन आया। उसने खुद को ट्रेजरी अफसर बताया और कहा नवंबर में जीवन प्रमाणपत्र दाखिल करना था आपने अभी तक नहीं किया। अच्छा पुराने वाले का ही वैरीफिकेशन करा दीजिए। उसने बैंक खाते और आधार कार्ड की जानकारी ली। इसक बाद खाते से पहले छह लाख, फिर सवा लाख कुल तीन बार में कुल 8.14 लाख रुपये निकल गए। मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद साइबर क्राइम सेल लखनऊ को प्रार्थनापत्र देकर जांच शुरू कराई।
रिटायर्ड इंस्पेक्टर के खाते से जालसाजों ने उड़ाए 10 लाख: हरदोई सिविल लाइन निवासी रिटायर्ड इंस्पेक्टर मो. शरीफ के खाते से इसी तरह जालसाजों ने बीते 19 मई को 10 लाख रुपये उड़ा दिए। उन्हें भी जालसाज ने ट्रेजरी अफसर बनकर फोन किया। जीवन प्रमाणपत्र वैरीफिकेशन और पेंशन खाता अपटेड करने के नाम पर खाते और आधार कार्ड का नंबर लिया। इसके बाद 10 लाख रुपये उड़ा दिए। मो. शरीफ जुलाई 2020 में अमेठी से सेवानिवृत्त हुए थे।
यह बातें आपसे पूछते हैं जालसाज और लेते हैं जानकारी, हो जाएं सतर्क
- फोन कर खुद को बताते हैं ट्रेजरी अफसर
- पेंशन का खाता अपडेट करने का देते हैं झांसा
- कहते हैं कोरोना काल है आपको आने की जरूरत नहीं आप डिटेल दे दें काम हो जाएगा
- जीवन प्रमाणपत्र वैरीफिकेशन का देते हैं झांसा
एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन राय ने बताया कि इस तरह के कई मामले प्रकाश में आए हैं। जिनकी जांच की जा रही है। जल्द ही जालसाजों को पकड़ा जाएगा। लोगों से अपील है कि फोन पर वह किसी को भी अपने बैंक खाते की जानकारी न दें। क्योंकि बैंक कभी भी फोन पर खाते से संबंधित जानकारी नहीं लेता है। खुद भी सतर्क रहें।