Remove Chinese App : UP पुलिस का चीन के खिलाफ बड़ा अभियान, 52 चाइनीज एप के प्रयोग पर प्रतिबंध
Remove Chinese Mobile Apps आइजी एसटीएफ अमिताभ यश की ओर से जारी आंतरिक आदेश में एसटीफ के अधिकारियों व कर्मियों को यह सभी एप अपने मोबाइल से हटाने को कहा गया है।
लखनऊ, जेएनएन। भारत की सीमा पर चीन की कायराना हरकत का मुंह तोड़ जवाब देने के क्रम में देश में चीन के उत्पादों का विरोध होने लगा हैं। अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इसके खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ा है। इस तनाव के बीच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने चीन के 52 एप के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। आइजी एसटीएफ अमिताभ यश की ओर से जारी आंतरिक आदेश में एसटीफ के अधिकारियों व कर्मियों को यह सभी एप अपने मोबाइल से हटाने को कहा गया है। निर्देश है कि अपने परिवारीजनों के मोबाइल से भी यह एप हटवा दें।
आइजी एसटीएफ अमिताभ यश की ओर से जारी आंतरिक आदेश में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने इन एप का प्रयोग न किए जाने की सलाह दी है। इन एप के जरिये मोबाइल से व्यक्तिगत व निजी डेटा चुराए जाने की आशंका जताई गई है। इससे पूर्व एसटीएफ एक अन्य एप जूम के प्रयोग पर भी प्रतिबंध लगा चुकी है। इस तरह एसटीएफ ने अब तक कुल 53 एप का प्रयोग प्रतिबंधित किया है।
इन एप पर लगा प्रतिबंध : टिक टॉक, वॉल्ट हाइड, वीगो वीडियो, बीगो लाइव, वाइबो, वी-चैट, शेयर इट, यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर, ब्यूटी प्लस, जेंडर, क्लब फैक्ट्री, हेलो, लाइक, क्वाई, रोमवी, शाइन, न्यूज डॉग, फोटो वंडर, आपुस ब्राउजर, वीवा वीडिया-क्यूयू वीडियो, परफेक्ट कॉर्प, सीएम ब्राउजर, वायरस क्लीनर (हाई सिक्योरिटी लैब), एमआइ कम्युनिटी, डीयू रिकॉर्डर, यू कैम मेकअप, एमआइ स्टोर, 360 सिक्योरिटी, डीयू बैट्री सेवर, डीयू ब्राउजर, डीयू क्लीनर, डीयू प्राइवेसी, क्लीन मास्टर-चीता, कैश क्लीयर डीयू एप्स स्टूडियो, बायडू ट्रांसलेट,बायडू मैप, वंडर कैमरा, ईएस फाइल एक्सप्लोरर, क्यू-क्यू इंटरनेशनल, क्यू-क्यू लांचर, क्यू-क्यू सिक्योरिटी सेंटर, क्यू-क्यू प्लेयर, क्यू-क्यू म्यूजिक, क्यू-क्यू मेल, क्यू-क्यू न्यूज फीड, वी सिंक, सेल्फी सिटी, क्लैश ऑफ किंग्स, मेल मास्टर, एमआई वीडियो कॉल-जियोमी व पैरेरल स्पेस।
काम पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क : आइजी एसटीएफ अमिताभ यश का कहना है कि इन एप के प्रयोग न करने से एसटीएफ के कामकाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कई अन्य एप उपलब्ध हैं, जिनके जरिए जांच एजेंसी अपने सारे काम सुरिक्षत ढंग से कर सकती है। वहीं एक अन्य वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी का कहना है कि इनमें से अधिकांश एप सुरक्षा एजेंसियों के इस्तेमाल के नहीं हैं। ऐसे एप को मोबाइल पर डाउनलोड करने से डेटा लीक होने का खतरा जरूर बढ़ जाता है।
पहले से हैं सतर्कता के निर्देश : एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि यह साइबर सिक्योरिटी का सवाल है। साइबर सिक्योरिटी के तहत पुलिस विभाग में पहले से ही सभी शाखाओं के अधिकारियों व कर्मियों के लिए सामान्य निर्देश हैं कि वे कोई भी ऐसा सॉफ्टवेयर अथवा एप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप व सरकारी मोबाइल फोन पर इस्तेमाल न करें, जिससे किसी भी तरह का डेटा सिक्योरिटी से जुड़ा खतरा हो।