Religion Conversion Case UP: साजिशन मतांतरण में खुल रहीं फंडिंग की कड़ियां, उमर के साथियों को रिमांड पर लेगी एटीएस
Religion Conversion Case UP नागपुर से उमर गौतम के तीन अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद फंडिंग की कड़ियां भी खुलने लगी हैं। एटीएस नागपुर से पकड़े गए रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम कौसर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ डॉ.अर्सलान को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। Religion Conversion Case UP: साजिशन एक हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराए जाने के मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने अब हरियाणा और अन्य राज्यों में छानबीन तेज की है। नागपुर (महाराष्ट्र) से उमर गौतम के तीन अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद अलग-अलग राज्यों से हो रही फंडिंग की कड़ियां भी खुलने लगी हैं। एटीएस नागपुर से पकड़े गए रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम, कौसर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ डॉ.अर्सलान को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। कौसर आलम ने बीज कारोबार के बहाने केरल व अन्य राज्यों में तार जोड़ रखे हैं।
साजिशन मतांतरण के मुख्य आरोपी उमर गौतम को कई राज्यों से सीधे फंडिंग हो रही थी। इसके प्रमाण भी सामने आने लगे हैं। एटीएस अब हवाला कारोबार के जरिये फंडिंग के नेटवर्क से जुड़े कुछ खास लोगों की तलाश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि उनका सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल व अन्य राज्यों से है। इन राज्यों से होने वाली फंडिंग को उमर गौतम तक पहुंचाया जाता था। एडम से पूछताछ में इस गिरोह के विदेश से कनेक्शन भी सामने आएंगे। आशंका है कि उमर गौतम उसके जरिये ही कई देशों से आने वाली रकम को अलग-अलग राज्यों में फैले अपने साथियों को भिजवाता था।
उल्लेखनीय है कि एटीएस ने 20 जून को मुख्य आरोपी दिल्ली निवासी मु.उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को गिरफ्तार किया था और साजिशन मतांतरण कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद उमर के सक्रिय साथी हरियाणा निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के निवासी इरफान शेख व दिल्ली निवासी राहुल भोला को गिरफ्तार किया गया था। दो दिन पूर्व ही नागपुर से तीन और आरोपी दबोचे गए हैं।
दो संस्थाओं का पंजीकरण निलंबित : उमर गौतम की हरियाणा व लखनऊ से संचालित दो संस्थाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है। भारत सरकार ने दोनों संस्थाओं का पंजीकरण छह माह के लिए निलंबित कर दिया है। इनमें लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र स्थित अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फांउडेशन एवं फरीदाबाद (हरियाणा) स्थित मेवात ट्रस्ट फार एजुकेशनल वेलफेयर शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों संस्थाओं के जरिये मतांतरण के लिए विदेश से फंडिंग के साक्ष्य मिलने पर एटीएस ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी थी।