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Religion Conversion Case in UP: मतांतरण मामले में निरुद्ध मुल्जिम सात दिन के लिए एटीएस के हवाले

विवेचक का कहना था कि मुल्जिमों के द्वारा साजिश के तहत धार्म‍िक उन्माद विद्वेष तथा नफरत फैलाकर मूक-बधिर लोगों का मतांतरण कराया गया है। इसके लिए हवाला के माध्यम से इनके साथी मो. उमर को भारी मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई गई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 01:20 AM (IST)
Religion Conversion Case in UP: मतांतरण मामले में निरुद्ध मुल्जिम सात दिन के लिए एटीएस के हवाले
मुल्जिमों की कस्टडी रिमांड 22 से 29 जुलाई तक होगी।

लखनऊ, विधि संवाददाता। मतांतरण मामले में निरुद्ध मुल्जिम प्रसाद रामेश्वर कावरे उर्फ आदम, कौशर आलम व भूप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा को एटीएस की विशेष अदालत ने सात दिन के लिए एटीएस की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। मुल्जिमों की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 22 जुलाई दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 29 जुलाई दोपहर 12 बजे तक होगी। एटीएस के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक अनिल कुमार विश्वकर्मा की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है।

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विवेचक का कहना था कि मुल्जिमों के द्वारा साजिश के तहत धाॢमक उन्माद, विद्वेष तथा नफरत फैलाकर मूक-बधिर लोगों का मतांतरण कराया गया है। इसके लिए हवाला के माध्यम से इनके साथी मो. उमर को भारी मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई गई। मो. उमर पहले से न्यायिक हिरासत में है। इन मुल्जिमों के पास से सात मोबाइल फोन, एक लैपटाप, एक टैब व दो हार्ड डिस्क बरामद हुए हैं। इनसे बरामद इलेक्ट्रानिक डिवाइस का डाटा ट्रांजक्शन कर गहन पूछताछ करना है। इनके बैंक खातों का विश्लेषण करना है।

इनके द्वारा मो. उमर के इस्लामिक दावा सेंटर के माध्यम से कराए गए मतांतरण वाले व्यक्तियों को चिह्नित करना है, जिसके लिए इन्हें दिल्ली, नागपुर व अन्य स्थानों पर ले जाना है। साथ ही इनसे संबंधित दस्तावेज भी बरामद करना है। इनके महाराष्ट्र नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, उनकी भी शिनाख्त करानी है। 17 जुलाई को इन मुल्जिमों को नागपुर से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। इस मामले में आइपीसी की धारा 420, 120बी, 153ए, 153बी, 295ए, 511 व उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निषेध अधिनियम की धारा 3, 5 व 8 के तहत थाना एटीएस में एफआइआर दर्ज हुई थी।


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