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Religion Conversion Case: यूपी में अवैध मतांतरण के ल‍िए ब्रिटेन की संस्था से भेजे गए थे 57 करोड़ रुपये

Religion Conversion Case एटीएस की जांच में सामने आया है कि अवैध मतांतरण के मुख्य आरोपित उमर गौतम व उसके साथियों को ब्रिटेन से संचालित संस्था अल-फला ट्रस्ट से भी 57 करोड़ रुपये की फंडि‍ंग की गई थी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 06:48 AM (IST)
Religion Conversion Case: यूपी में अवैध मतांतरण के ल‍िए ब्रिटेन की संस्था से भेजे गए थे 57 करोड़ रुपये
मौलाना कलीम सिद्दीकी के कई करीबियों पर भी एटीएस की निगाह।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। साजिशन मतांतरण कराए जाने के मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र व गुजरात से लेकर अन्य राज्यों से जुड़े सि‍ंडीकेट की और अहम कडिय़ां भी सामने आएंगी। एटीएस की जांच में सामने आया है कि अवैध मतांतरण के मुख्य आरोपित उमर गौतम व उसके साथियों को ब्रिटेन से संचालित संस्था अल-फला ट्रस्ट से भी 57 करोड़ रुपये की फंडि‍ंग की गई थी। उमर व उसके साथी इस रकम के खर्च का कोई ब्योरा नहीं दे सके थे।

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एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस संबंध में साक्ष्य संकलन कर पूर्व में आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किये जा चुके हैं। अब मौलाना कलीम की संस्था को की गई फंडि‍ंग की भी सिलसिलेवार छानबीन की जाएगी। अल-फला ट्रस्ट से उसके जुड़ाव की भी जांच होगी। एडीजी का कहना है कि उमर व उसके साथियों के विरुद्ध चल रही जांच के दौरान ही मौलाना कलीम की भी भूमिका सामने आई थी। मौलाना कलीम के ट्रस्ट से जुड़े लोगों व उसके करीबियों के बारे में भी छानबीन की जा रही है।

एमबीबीएस छोड़कर पहुंच गया था नदवा : आइजी एटीएस के अनुसार मौलाना कलीम की प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरनगर के फुलत गांव स्थित मदरसे में हुई थी। उसने खतौली स्थित पिकेट इंटर कालेज से विज्ञान से इंटरमीडिएट पास किया था और पीएमटी की प्रवेश परीक्षा भी अच्छे नंबरों से पास की थी। इस्लामिक साहित्यकारों से प्रभावित होने के कारण कलीम ने एमबीबीएस में दाखिला न लेकर लखनऊ स्थित इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलमा में दाखिला लिया था।

दिल्ली रहा है गहरी साजिश का बड़ा केंद्र : एटीएस ने बीती 20 जून को कई राज्यों में फैले अवैध मतांतरण के नेटवर्क से जुड़े उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को गिरफ्तार किया था। उमर गौतम दिल्ली से संचालित संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आइडीसी) के जरिये अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा था। तब प्रदेश के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश तक में मतांतरण कराए जाने के साक्ष्य मिले थे। युवतियों का मतांतरण कराकर उनकी मुस्लिम युवकों से शादी कराने के मामले भी सामने आए थे। अब मौलाना कलीम की भी दिल्ली में सक्रियता सामने आई है।

एटीएस ने उमर व जहांगीर के विरुद्ध धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक उन्माद भड़काने, राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने तथा उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यायदेश-2020 समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कर विवेचना के कदम बढ़ाये थे, जिसके बाद बीते दिनों उमर के सक्रिय साथी हरियाणा निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के निवासी इरफान शेख व दिल्ली निवासी राहुल भोला, गुजरात निवासी सलाहुद्दीन शेख, झारखंड निवासी कौशर आलम, नागपुर निवासी रामेश्वर कावड़े उर्फ एडम व भुप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा तथा महाराष्ट्र निवासी डा.फराज शाह को गिरफ्तार किया गया था।


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