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पार्ट टाइम जॉब के लिए करें आवेदन, लखनऊ विवि में कर्मयोगी योजना का पंजीकरण शुरू

लखनऊ विवि में आज से शुरू होगा कर्मयोगी योजना का पंजीकरण। साल में 15 हजार रुपये की पार्टटाइम जॉब मिलेगी। सीनियर होंगे अध्यापक जूनियर विद्यार्थियों की पढ़ाई में करेंगे मदद एचओडी लगाएंगे सीनियरों की ड्यूटी। अभिनव गुप्त भाषा संस्थान को मिलेगा संकाय का दर्जा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:34 AM (IST)
पार्ट टाइम जॉब के लिए करें आवेदन, लखनऊ विवि में कर्मयोगी योजना का पंजीकरण शुरू
एग्रीकल्चरल और मेडिकल कॉलेज खोलने की भी बनाई योजना।

लखनऊ, जेएनएन। लविवि में कर्मयोगी योजना के लिए आवेदन शुक्रवार से शुरू होंगे, जिसमें पार्टटाइम जॉब के तहत लविवि साल में 15 हजार रुपये की आय की गारंटी अपने विद्यार्थियों को देगा। इसके अलावा अनेक योजनाओं को साल 2021 में शुरू करने की घोषणा लविवि द्वारा गुरुवार को की गई। संवर्धन योजना के तहत सीनियर विद्यार्थी जूनियरों को पढ़ाएंगे, ये ड्यूटी उनके ही सीनियरों के जरिये लगाई जाएगी। अभिनव गुप्त भाषा संस्थान को संकाय का दर्जा दिया जाएगा, जबकि लविवि साल 2021 में खुद के कृषि महाविद्यालय और मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी करना चाहता है।

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लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में अपने पिछले साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया और अगले वर्ष की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हम संवर्धन योजना शुरू कर रहे हैं। संस्थागत तरीके से विभागाध्यक्ष अपने पीएचडी विद्यार्थियों को परास्नातक के लिए, परास्नातक को स्नातक के लिए नियुक्त करेंगे ताकि वे अपने जूनियरों की पढ़ाई में मदद कर सकें। इसके अलावा कर्मयोगी योजना का आवेदन लविवि की वेबसाइट पर शुक्रवार से होगा। प्रत्येक दिन दो घंटे और एक घंटे का 150 रुपये के हिसाब से पारिश्रमिक विद्यार्थी को मिलेगा।

लविवि को मिली एंबुलेंस

प्रो. राय ने बताया कि उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के सहयोग से एक हाईटेक एंबुलेंस लविवि को मिली है जो कि अब पुराने परिसर में उपलब्ध होगी। यहां की पुरानी एंबुलेंस नए परिसर में भेज दी गई है।

केवल लविवि के मेडल के लिए होगा दीक्षा समारोह

उन्होंने बताया कि ये तय किया गया है कि लविवि केवल अपने मुख्य 15 मेडल के लिए ही मुख्य दीक्षा समारोह का आयोजन करेगा। बाकी करीब 190 मेडल जो कि प्रायोजित हैं, वे विभागीय स्तर पर वितरित किए जाएंंगे। ताकि कार्यक्रम अच्छे से हो सके। मालवीय हॉल में जगह भी कम है। ऐसे में अच्छे आयोजन के लिए ये अब समय की जरूरत बन गई है।

एग्रीकल्चर कॉलेज और मेडिकल कॉलेज

कुलपति ने बताया कि फूड प्रोसेस‍िंग को लेकर हमारा विभाग है, उत्पादों के विपणन के लिए एमबीए विभाग है, इसलिए कृषि का विभाग भी होना चाहिए। यही नहीं, योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन विभाग को एक मेडिकल कॉलेज के तौर पर परिवर्तित किया जाएगा।


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