लखनऊ के आंबेडकर विश्वविद्यालय में साफ्वेयर इंजीनियरों की भर्ती, इस लिंक पर करें आवेदन
लखनऊ के आंबेडकर विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल द्वारा एक मल्टीनेशन कंपनी में साफ्टवेयर के माध्यम से इंजीनियर के पद पर भर्ती की जाएगी। बीटेक एमटेक और एमसीए के कंप्यूटर्स आईटी इलेक्ट्रानिक्स तथा इलेक्ट्रिकल के विद्यार्थियों इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। शोध और शिक्षा की गुणवत्ता और पर्यावरण को लेकर संजीदा रहने वाला बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्याल अब नौकरी देने के लिए आगे आ रहा है। कुलपति प्रो.संजय सिंह की पहल पर बीते दिनों रोजगार मेले के माध्यम से भर्ती की गई थी। विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल द्वारा एक मल्टीनेशन कंपनी में साफ्टवेयर के माध्यम से इंजीनियर के पद पर भर्ती की जाएगी। बीटेक, एमटेक और एमसीए के कंप्यूटर्स, आईटी, इलेक्ट्रानिक्स तथा इलेक्ट्रिकल के विद्यार्थियों इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक अभ्यर्थी www.krantitechservices.com/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
उपयुक्त अभ्यर्थियों का चयन तकनीकी साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। चयनित आवेदकों को 3.60 लाख से 4.20 लाख तक का सालाना पैकेज दिया जाएगा। इससे जुड़ी अधिक जानकारी विद्यार्थी विवि की वेबसाइट bbau.ac.in पर दिए प्लेसमेंट सेल लिंक पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
रोजगार परक शिक्षा की पहल : आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय सिंह ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है। विश्ववद्यालय स्तर पर समय-समय पर से कोर्स कराए जाते हैं जिससे विद्यार्थियों के अंदर तकनीकी ज्ञान का विकास हो और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। शु्क्रवार से पांचवे अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस आन इनोवेटिव एप्प्रोचेस इन एप्लाइड साइंसेज़ एंड टेक्नोलॉजीज़ का आयोजन होगा। विश्वविद्यालय के भारतरत्न अटल बिहारी प्रेक्षागृह पांच दिसंबर तक आयोजन हो।
उद्यान विभाग के हेड और डीन, स्कूल आफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलाजी, प्रो. संजय कुमार के निर्देशन में होने वाला आयोजन साइंटिफिक एंड एजुकेशनल रिसर्च सोसाइटी, मेरठ के सहयोग से होगा। मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ सीड साइंस टेक्नोलाजी, साइंटिफिक एंड एप्लाइड रिसर्च सेंटरऔर जेडीवीपी एग्री इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से होने वाली कांफ्रेंस में पर्यावरण के विकास को लेकर मंथन किया जाएगा। शिक्षकों के साथ ही शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल होंगे।