दीपोत्सव: राम की भक्ति में आह्लादित दिखा रावण, शुरू हुई शोभायात्रा
अयोध्या दीपोत्सव की भव्य शुरुआत शुक्रवार को शोभायात्रा से हुई। रामकथा पर केंद्रित 11 झांकियां श्रीराम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक सीता हरण व राम रावण युद्ध की कहानी बयां कर रही थीं। विभिन्न प्रांतों से आए चुनिंदा लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध रहे थे।
अयोध्या, [प्रहलाद तिवारी]। दीपोत्सव की भव्य शुरुआत शुक्रवार को शोभायात्रा से हुई। रामकथा पर केंद्रित 11 झांकियां श्रीराम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक, सीता हरण व राम रावण युद्ध की कहानी बयां कर रही थीं। विभिन्न प्रांतों से आए चुनिंदा लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से जहां समां बांध रहे थे, वहीं रावण राम की भक्ति में आह्लादित नजर आया। उसका किरदार भले ही बैरी का था लेकिन वह राम नाम का मतवाला नजर आ रहा था। संतकबीर नगर के निवासी सुरेंद्र प्रकाश पाठक झांकी में रावण का किरदार निभा रहे थे। रावण का किरदार निभा रहे सुरेंद्र अभिनय में राम के प्रति नफरत के भाव से भरे नजर आए लेकिन असल ङ्क्षजदगी में वह राम के ही अनन्य भक्त हैं।
शोभायात्रा जब हनुमान गढ़ी के सामने से गुजरी तो रथ से ही रावण ने दोनों हाथ जोड़ कर पवन सुत को प्रणाम निवेदित करना नहीं भूले। कुछ पल पहले झांकियों में भले ही भगवान राम से युद्ध करते नजर आए, पर राम कथा पार्क में झांकी से उतरते ही वास्तव में वह राम के प्रति उतने ही श्रद्धानवत नजर आए, जितने कि आम श्रद्धालु। वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनके सामने जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर का निर्माण होने जा रहा है। रावण की भूमिका निभाने को वह अपना सौभाग्य मानते हैं। रावण बन कर उन्हें खुद पर गौरव महसूस होता है। प्रभु श्रीराम के हाथों प्राण त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति का अहसास भी होता है। सुरेंद्र का कहना है कि राम आराध्य हैं। वह इसलिए यहां आए हैं ताकि उन्हें प्रभु की भक्ति और परम गति प्राप्त हो सके। किरदार भले ही रावण का निभाया लेकिन राम नगरी की रज पाकर व दिव्य भव्य दीपोत्सव के साक्षी बन अपने को धन्य मानते हैं।
विश्व पटल पर छाप छोड़ रहा दीपोत्सव
कलाकार सुरेंद्र पाठक कहते हैं कि दीपोत्सव का आयोजन विश्व पटल पर छाप छोड़ रहा है। आने वाली पीढिय़ां दीपोत्सव को याद रखेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वह धर्म का सच्चा प्रहरी करार देते हैं।