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आम आदमी के बजट में आई मैदे और चावल की कीमत, जल्‍दी बना लें पापड़, चिप्स और कचरी

होली का त्योहार नजदीक है। मौसम अनुकूल है। जरूरी खानपान की सामग्री की कीमतें भी अनुकूल हैं। ऐसे में बिना विलंब किए पापड़ चिप्स और कचरी बना लें तो फायदे में रहेंगे। होली के वक्त आलू चावल समेत कई अन्य खानपान सामग्री की कीमतें सिर चढ़कर बोलती हैं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 11:24 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 11:24 AM (IST)
आम आदमी के बजट में आई मैदे और चावल की कीमत, जल्‍दी बना लें पापड़, चिप्स और कचरी
होली के समय में बाजार में अभी मैदे और चावल की कीमत बजट के अनुकूल।

लखनऊ, जेएनएन। होली का त्योहार नजदीक है। मौसम अनुकूल है। जरूरी खानपान की सामग्री की कीमतें भी अनुकूल हैं। ऐसे में बिना विलंब किए पापड़, चिप्स और कचरी बना लें तो फायदे में रहेंगे। होली के वक्त आलू, चावल समेत कई अन्य खानपान सामग्री की कीमतें सिर चढ़कर बोलती हैं। थोक या फिर फुटकर मंडी, होली पर बनाए जाने वाली सभी जरूरी सामग्री सस्ती है। चाहे वह आलू हो या फिर मैदा अथवा चावल। वहीं अभी कीमतें आम आदमी के बजट में हैं।  

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सस्ती है सामग्री: दुबग्गा मंडी के थोक कारोबारी शहनवाज हुसैन बताते हैं कि आलू अभी सस्ता है।थोक मंडी में 600 से 900 रुपये क्विंटल तक आलू की विभिन्न वैरायटी हैं। होली पर्व नजदीक है।जल्द ही इसकी डिमांड बढ़ने वाली है। चिप्सोना जैसी टॉप वैराइटी एक हजार रुपये क्विंटल के भीतर है। ऐसे में समय रहते आलू से बनाए जाने वाले पापड़, चिप्स जैसे आइटम तैयार करने का वक्त है। धूप भी चटख है। फुटकर दुकानदार कुलदीप अवस्थी की मानें तो 15 रुपये तक बढ़िया आलू है।  लिहाजा होली की तैयारियां आसानी से की जा सकती हैं।

चावल और मैदा की कीमतें भी बजट में:  मैदा काफी सस्ता है। आमतौर पर 2400 से 2500 रुपये क्विंटल वाला मैदा इन दिनों 1950 रुपये है। फुटकर मंडी में भी इसके रेट बहुत कम हैं। यही हाल चावल का है।

अभय अग्रवाल, थोक एवं फुटकर कारोबारी डालीगंज

30 से लेकर 35 रुपये किलो चावल है। इनमें सांबा मसूरी, सोना मसूरी, बिलासपुरी जैसे चावल की कीमत बजट में है। त्योहारी सीजन में यह राहत भरी बात है।

रचित अग्रवाल, फुटकर व्यापारी सिटी स्टेशन मंडी

थोक में 2,800 से 3,000 रुपये क्विंटल चावल का भाव है जो अमूमन सबसे ज्यादा बिकता है। त्योहार के मौके पर इसकी सबसे ज्यादा डिमांड होती है। होली में कचरी बनाने और खाने में भी इस तरह के मोटे चावल की वैरायटी काफी पसंद की जाती है।

भारत भूषण गुप्ता, अध्यक्ष दाल एवं राइज मिलर्स एसोसिएशन


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