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Ramadan 2021: नहीं दिखा रमजनुल मुबारक का चांद, माह-ए-रमजान 14 से, घर से दुआ करने की अपील

मौलाना ने कहा कि रमजान के पाक महीने में सभी देश व समाज से कोरोना की मुक्ति के लिए घर में ही दुआ करें। इफ्तारी की रकम से गरीबों को मजलूमों को भोजन कराएं। शारीरिक दूरी को कायम रखने के लिए सभी लोग घरों में नमाज अदा करें।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 10:21 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 08:13 AM (IST)
Ramadan 2021: नहीं दिखा रमजनुल मुबारक का चांद, माह-ए-रमजान 14 से, घर से दुआ करने की अपील
14 अप्रैल से पहला रोजा शुरू होने और माह-ए-रमजान में तिलावत की घोषणा।

लखनऊ, जेएनएन। मरकजी चांद कमेटियों ने सोमवार की देर शाम रमजनुल मुबारक का चांद न दिखने का एलान किया। इसके साथ ही 14 अप्रैल से पहला रोजा शुरू होने और माह-ए-रमजान में तिलावत की घोषणा की। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की ओर से पहली बार दो पारे की तिलावत ऑनलाइन करने का निर्णय लिया गया। मौलाना ने कहा कि सोमवार को रमजनुल मुबारक का चांद नहीं दिखा। 14 अप्रैल से रमजानपाक महीने की शुरुआत होगी। कोरोना संक्रमण के चलते हर दिन रात्रि आठ बजे से नौ बजे तक इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के फेसबुक एकाउंट पर दो पारों की तिलावत का लाइव प्रसारण किया जाएगा। रोजेदार घर में रहकर शारीरिक दूरी बनाते हुए अनलाइन कुरआन पाक के दो पारे सुने और इसके बाद 20 रकआत तरावीह अदा करें।

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मौलाना ने कहा कि रमजान के पाक महीने में सभी देश व समाज से कोरोना की मुक्ति के लिए घर में ही दुआ करें। इफ्तारी की रकम से गरीबों को मजलूमों को भोजन कराएं। शारीरिक दूरी को कायम रखने के लिए सभी लोग घरों में नमाज अदा करें। मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने भी चांद ने भी चांद न दिखने का एलान किया है। वहीं माह-ए-रमजान के चांद से पहले ईद का एलान करने वाले शिया धर्मगुरु मौलाना कब्ले सादिक के स्थान पर शनिवार को ही उनके बेटे कल्बे सिब्तैन नूरी ने परंपरा का निर्वहन कर दिवंगत पिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 14 अप्रैल को पहला रोजा होने और 14 मई को ईद का एलान कर दिया था। 

घर में ही करें अमन की दुआ

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते रमजान-ए-पाक महीने में घर में रहकर कोरोना से समाज को मुक्त करने और अमन की दुआ करें। यह ऐसा वक्त है कि हम सब मिलकर इस महीने में गरीबों और मजलूमों की मदत करें। शरीरिक दूरी बनाकर अल्लाह की इबादत करें।  -मौलाना कल्बे जवाद, इमाम-ए-जुमा, आसिफी मस्जिद 

सुन्नत-ए-रसूल है खजूर से रोजा खोलना

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि रमजान में खजूर से रोजा खोलना सुन्नत-ए-रसूल है। ऐसे में रोजेदारों को रोजा खोलने के लिए खजूर बहुत मुश्किल से मिल पाएंगे। मौलाना ने सभी को संग्रमण को देखते हुए एहतियात बरतने की अपील की है। 


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