Move to Jagran APP

After Ayodhya Verdict : रामलला के दर्शनार्थियों के लिए चलेगी रामरसोई, भक्तों को मिलेगा मुफ्त भोजन

पूर्व आइपीएस अधिकारी व पटना के प्रख्यात महावीर मंदिर सेवा ट्रस्ट तथा अमावा राममंदिर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल की पहल।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 07:22 AM (IST)
After Ayodhya Verdict : रामलला के दर्शनार्थियों के लिए चलेगी रामरसोई, भक्तों को मिलेगा मुफ्त भोजन
After Ayodhya Verdict : रामलला के दर्शनार्थियों के लिए चलेगी रामरसोई, भक्तों को मिलेगा मुफ्त भोजन

अयोध्या, जेएनएन। सुप्रीम फैसले का उत्साह रामलला के दर्शनार्थियों के लिए रामरसोई से बयां होगा। इस योजना के सूत्रधार पूर्व आइपीएस अधिकारी व पटना के प्रख्यात महावीर मंदिर सेवा ट्रस्ट तथा अमावा राममंदिर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल हैं। अमावा राममंदिर रामजन्मभूमि से कुछ ही फासले पर रामलला के दर्शन मार्ग पर ही स्थित है। रामरसोई इसी परिसर में संचालित होगी। रामरसोई की शुरुआत 23 नवंबर से एक दिसंबर को पड़ रहे सीता-राम विवाहोत्सव के बीच होने की संभावना है।

loksabha election banner

अनुमान है कि शुरू में पांच सौ से एक हजार दर्शनार्थी रामरसोई में भोजन करेंगे पर अगले कुछ माह में ही यह संख्या पांच हजार तक पहुंच सकती है। इसी हिसाब से आचार्य कुणाल समुचित तैयारी में लगे हैं। बिहार से आधा दर्जन विशेषज्ञ रसोइए अमावा मंदिर पहुंच भी गए हैं। इनके सहयोग के लिए कुछ अन्य स्थानीय श्रमिकों को लगाया जाएगा।

राममंद‍िर के पक्षकार भी थे कुणाल 

कुणाल किशोर ने दो दशक पूर्व सूर्यवंशीय नरेशों के त्रेतायुगीन देवालय माने जाने वाले अमावा मंदिर के उद्धार का बीड़ा उठाया था। इसी मंदिर के मुख्य द्वार की दूसरी मंजिल पर उन्होंने इसी माह सुप्रीम फैसला आने के पूर्व भगवान राम के दर्शनीय बाल विग्रह की स्थापना कराई है। वे सुप्रीम कोर्ट में राममंदिर के पक्षकार भी रहे हैं। इस विवाद के अंत में उनकी कृति 'अयोध्या रीविजिटेड' को अहम माना जाता है।

'गोव‍िंद भोग' से सज्जित होगा रामभक्तों का भोजन

रामरसोई में यूं तो चावल, दाल, रोटी, सब्जी के रूप में रामलला के दर्शनार्थियों को परिपूर्ण भोजन मिलेगा, लेकिन चावल गोङ्क्षवद भोग नाम की विशेष प्रजाति का होगा। बिहार के कैमूर जिले में मां भवानी के सुप्रसिद्ध मंदिर मुंडेश्वरी की पहाड़ी से आने वाले पानी से उपजने वाले इस चावल के स्वाद-सुगंध की साख वैश्विक है। जल्द ही गोङ्क्षवद भोग की पहली खेप अयोध्या पहुंचेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.