राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में अब विदेशी छात्रों के लिए लगेगी संस्कार की पाठशाला, पढ़ें- विस्तृत खबर
डा.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विवि में कानून की पढ़ाई के साथ ही संस्कार की पाठशाला भी लगाई जाएगी। पहली बार नौ शोधार्थियों समेत 35 विदेशी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति व संस्कार का ज्ञान देगा। दरअसल पहली बार विदेशी विद्यार्थियों ने यहां पढ़ाई के लिए आवेदन किया है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। डा.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विवि में कानून की पढ़ाई के साथ ही संस्कार की पाठशाला भी लगाई जाएगी। पहली बार नौ शोधार्थियों समेत 35 विदेशी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति व संस्कार का ज्ञान देगा। दरअसल, पहली बार विदेशी विद्यार्थियों ने यहां पढ़ाई के लिए आवेदन किया है। कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल आनलाइन पढ़ाई हो रही है। लोहिया विवि की प्रवक्ता डा.अलका सिंह ने बताया कि इंडियन काउंसिल फार कल्चरल रिलेशंस विदेश मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से आवेदन पहली पर इतने आवेदन आए हैं।
आवेदन करने वालों में नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान व अफ्रीका के मूल निवासी हैं। इनका प्रवेश क्लैट के बजाय सीधे होता है। इनकी प्रवेश परीक्षा भी नहीं होती है। विवि में क्लैट से एलएलबी आनर्स और एलएलएम में प्रवेश होता है। पीएचडी के लिए विवि अपनी अलग परीक्षा कराता है। यूजीसी के निर्देश पर इसी साल सेंटर फार इंटरनेशनल अफेयर्स की स्थापना की गई है। विदेशी विद्यार्थियों के आने से भारतीय शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बल मिलेगा।
आनलाइन पुस्तकालय में पढ़ किताबेंः लोहिया विधि विवि में स्थापित मधु लाइब्रेरी में 27 हजार कानून की किताबें मौजूद हैं जो शोधार्थियों के लिए काफी कारगर साबित हो रही हैं। संक्रमण के दौर में आनलाइन पढ़ा जा सकता है। पुस्तकालय के प्रभारी अध्यक्ष डा.मनीष वाजपेयी ने बताया कि डिजिटल लाइब्रेरी की किताबों की जानकारी एसएमएस से भी शोधार्थियों को दी जा रही है। छात्रों को अलर्ट के मैसेज के साथ ही पुस्तक जमा करने के लिए आनलाइन मेल भी आ जाता है। छात्र समय के अंदर पुस्तकों के आवंटन की तिथि बढ़ा सकते हैं। पुस्तकालय में 45 हाई डिजिटल कंप्यूटर हैं जिनके माध्यम से आनलाइन डिजिटल पुस्तकों को पढ़ा जा सकता है। 6,694 जनरल, 500 ई-बुक और 11 आनलाइन डेटा बेस मौजूद हैं।