राम मंदिर जमीन घोटाला : प्रियंका गांधी वाड्रा बोलीं- भाजपा ने धर्म के साथ आस्था और विश्वास को भी बेचा
Ram Mandir Land Scam Allegation कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि राम मंदिर के लिए पूरे देश ने सहयोग किया। देश के लोगों ने आस्था से चंदा दिया है। इसके बाद भी जमीन खरीदने में घोटाला किया गया।
लखनऊ, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में बने रहे भव्य राम मंदिर के पास के क्षेत्र में नामचीन लोगों के जमीन की खरीद में घोटाले के प्रकरण पर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने मीडिया को संबोधित किया और भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की ओर से खरीदी गई जमीन के चंदे में घपले और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से इसकी निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी गहरी आस्था और भावना के साथ चंदा दिया। लेकिन जमीन खरीद में घोटाला कर आस्था को चोट पहुंचाई गई है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके इसे बेहद गंभीर मामला करार दिया और कहा कि चूंकि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा है, इसलिए सर्वोच्च अदालत को स्वत: संज्ञान लेकर इसकी जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए देशभर में घर-घर से चंदा दिया गया है और अयोध्या में जमीन खरीद में जो घपला हुआ है उसमें तीन चीजें साफ हैं।
पहला दलितों की जो जमीन खरीदी नहीं जा सकती थी, उसे हड़पा गया है। दूसरा कुछ जमीनें जो कम दाम की थीं उन्हें कई गुना अधिक कीमत पर ट्रस्ट को बेचा गया है। 2017 में दो करोड़ में खरीदी गई एक जमीन के 10 हजार वर्गमीटर के एक टुकड़े को 2021 में मंदिर ट्रस्ट को आठ करोड़ रुपये में बेचा गया और उसी जमीन के 12 हजार वर्गमीटर के दूसरे हिस्से को रवि मोहन तिवारी को पहली जमीन की रजिस्ट्री के 19 मिनट बाद ही दो करोड़ में बेचा गया। तिवारी की सेल डीड में अनिल मिश्रा जो आरएसएस के पदाधिकारी और राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं, वह गवाह हैं। जबकि अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय दूसरे गवाह हैं।
प्रियंका ने कहा, दिलचस्प यह है कि जमीन खरीदने के पांच मिनट बाद रवि मोहन तिवारी दो करोड़ की इस जमीन को 18.50 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेच देते हैं। गड़बड़ियों की जांच जिलाधिकारी स्तर से कराने के प्रदेश सरकार के फैसले पर प्रियंका ने कहा कि जब राम मंदिर ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर बनाया गया था, तो यह जांच भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा होनी चाहिए क्योंकि जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी मेयर की जांच नहीं कर सकते। सबको मालूम है कि राम मंदिर के आस-पास जितनी भी जमीनें हैं, उनकी लूट हो रही है और भाजपा नेता से लेकर सरकारी अधिकारी तक सब इस लूट में मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम मर्यादा और नैतिकता के प्रतीक थे। सत्य के मार्ग पर चलने के लिए उन्होंने बड़ा बलिदान किया, मगर आज उनके नाम पर भ्रष्टाचार करके आस्था पर चोट की जा रही है।
अयोध्या में मंदिर के लिए जमीन खरीद में घालमेल के उदाहरण गिनाते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस जमीन पर एफआइआर थी और इसे बेचा ही नहीं जा सकता था। अयोध्या के मेयर उपाध्याय के भांजे दीप नारायण उपाध्याय की 20 फरवरी, 2021 की एक जमीन खरीद की सेल डीड दिखते हुए सुरजेवाला ने कहा कि 20 लाख की इस जमीन को 79 दिन के बाद मंदिर ट्रस्ट को ढाई करोड़ रुपये में बेचा गया। इस सेल डीड पर भी चंपत राय और अनिल मिश्रा के दस्तखत हैं।
सुरजेवाला ने तीसरा मामला गिनाते हुए कहा कि इन्हीं उपाध्याय साहब ने एक जमीन की मुफ्त में गिफ्ट डीड ले ली और फिर 676 वर्गमीटर की यह जमीन 20 फरवरी, 2021 को दो करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दी। चंदे की चोरी का इससे बड़ा दूसरा सुबूत नहीं हो सकता। प्रियंका गांधी ने इस मामले की नैतिक जिम्मेदारी योगी सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होने की बात कही और इस प्रकरण में दोनों की चुप्पी पर सवाल उठाए।