Ram Mandir Construction: चित्रकूट से अयोध्या पहुंची कामदगिरि की पवित्र शिला, जानिए इसका धार्मिक महत्व
चित्रकूट धाम से रामनगरी पहुंची कामदगिरि शिला यात्रा का कार सेवकपुरम में भव्य स्वागत किया गया। यहां रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रथ के आकर में मिनी ट्रक पर स्थापित पवित्र शिला की आरती उतारी गयी।
अयोध्या, जेएनएन। चित्रकूट धाम से रामनगरी पहुंची कामदगिरि शिला यात्रा का कारसेवकपुरम में भव्य स्वागत किया गया। यहां रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रथ के आकर में मिनी ट्रक पर स्थापित पवित्र शिला की आरती उतारी गयी। इस मौके पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्ट के सदस्य एवं निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास,रामकथा मर्मज्ञ संत चंद्रांशु आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
शिला का धार्मिक महत्व
इस दौरान चंपतराय ने कहा कि कामदगिरि और चित्रकूट का भगवान राम और हिंदू समाज के जीवन में उतना ही महत्व है, जितना अयोध्या का। चित्रकूट के संतों के मन में विचार आया कि जिस पर्वत पर त्रेतायुग में भगवान राम ने निवास किया है, उस पर्वत की एक शिला गौरवमय स्मृति के रूप में रामलला के दरबार तक पहुंचायी जाय। यह भाव हिन्दुस्तान में श्रीराम के प्रति अनंत आस्था का प्रतीक है। इसके बाद यात्रा में शामिल संत एवं श्रद्धालु शिला लेकर रामजन्मभूमि परिसर पहुंचे और उसे रामलला के दरबार मे समर्पित किया। शिला लेकर आये संतों का उद्देश्य यह है कि नवनिर्मित मंदिर में रामलला के साथ उस कामदगिरि की यह शिला भी स्थापित की जाय, जहां त्रेता में श्रीराम ने वनवास के दौरान 12 वर्ष से अधिक समय व्यतीत किया था। कामदगिरि शिला यात्रा का नेतृत्व कर रहे कामदपीठम के युवा संत मदनगोपालदास ने बताया कि इस वर्ष पांच अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया, उसी समय चित्रकूट के कामदगिरि मंदिर में कामदगिरि की पवित्र शिला का पूजन हुआ था। आज उस शिला को रामलला के दरबार में समर्पित किया गया है।