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Ram Janmabhoomi Ayodhya: रामनगरी में बनेंगे कई देशों के अतिथि गृह, भूम‍ि का आवंटन जल्‍द

Ram Janmabhoomi Ayodhya विजन डाक्यूमेंट की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिलाया ध्यान। अतिथि गृह के लिए भूमि आवंटन का दिया निर्देश। अयोध्या में श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यातायात के अन्य अनेकानेक साधन विकसित ।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 05:16 PM (IST)
Ram Janmabhoomi Ayodhya: रामनगरी में बनेंगे कई देशों के अतिथि गृह, भूम‍ि का आवंटन जल्‍द
Ram Janmabhoomi Ayodhya: विजन डाक्यूमेंट की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिलाया ध्यान।

अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। Ram Janmabhoomi Ayodhya: रामनगरी में कई देशों के अतिथिगृह बनेंगे। इनमें नेपाल, श्रीलंका, सूरीनाम, फिजी, केन्या, कनाडा, इंडोनेशिया, मलेशिया, ट्रिनीडॉड टोबैगो, मॉरीशस, थाईलैंड आदि उन देशों के अतिथिगृह शामिल होंगे, जहां सांस्कृतिक विरासत के तौर पर अथवा प्रवासी भारतीयों के माध्यम से श्रीराम पूजित-प्रतिष्ठित हैं। 

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गत 23 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आला अधिकारियों के साथ रामनगरी के समग्र विकास के लिए तैयार किए जा रहे विजन डाक्यूमेंट की समीक्षा करते हुए विभिन्न देशों के अतिथिगृह बनाए जाने पर पूरा जोर दिया। उन्होंने निर्देशित किया कि विभिन्न देशों के अतिथिगृह बनाए जाने के लिए भूमि आरक्षित की जाए, जिससे कि उन देशों के अनुरोध पर उन्हें अयोध्या में जमीन आवंटित की जा सके।

अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने के लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार रामनगरी को विश्वस्तरीय सुविधाओं से आच्छादित करने और पौराणिक स्थलों को भव्यता देने के साथ उसे दुनिया के अधिकांश हिस्सों से जोडऩे का प्रयास कर रही है। इसके लिए अयोध्या में श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यातायात के अन्य अनेकानेक साधन विकसित करने के साथ अयोध्या में श्रीराम की विरासत से जुड़े देशों सहित भारत के सभी प्रांतों के अतिथिगृह बनाए जाने हैं। सरकार की यह योजना गत वर्ष नव्य अयोध्या विकसित किए जाने की चर्चा के साथ सामने आ गई थी, पर समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न देशों का अतिथिगृह बनाए जाने की ओर ध्यान दिलाकर इस योजना के प्रति गंभीरता का इजहार किया है।

परिभाषित होगी श्रीराम की वैश्विकता: एक शोध के अनुसार रामकथा दुनिया के 60 देशों में व्याप्त है। दो दर्जन देशों में रामलीला की प्रस्तुति स्थापित नाट्य के रूप में होती है। विभिन्न देशों का रामनगरी में अतिथिगृह स्थापित होने से श्रीराम की वैश्विकता कहीं अधिक प्रभाव से परिभाषित होगी। 


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