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RakshaBandhan 2020: नहीं रहेगी भद्रा की छाया, दिनभर राखी बांध सकेंगी बहनें; ये है शुभ मुहूर्त

RakshaBandhan 2020 सुबह से लेकर रात तक बहनें अपनी सुविधा के अनुसार राखी बांध सकती हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 09:20 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 02:52 PM (IST)
RakshaBandhan 2020: नहीं रहेगी भद्रा की छाया, दिनभर राखी बांध सकेंगी बहनें; ये है शुभ मुहूर्त
RakshaBandhan 2020: नहीं रहेगी भद्रा की छाया, दिनभर राखी बांध सकेंगी बहनें; ये है शुभ मुहूर्त

लखनऊ, जेएनएन। RakshaBandhan 2020: भद्रा की छाया दूर इस त्योहार पर बहनें दिनभर भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांध सकेंगी। भाई की कुशलता और लंबी आयु के लिए बहनें तक तक कुछ नहीं खातीं जब तक भाइयों को रक्षासूत्र नहीं बांध लेती। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि पूरे दिन रक्षा सूत्र का मुहूर्त है। सुबह से लेकर रात तक बहनें अपनी सुविधा के अनुसार राखी बांध सकती हैं। 

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श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, जिसे श्रावणी पूर्णिमा भी कहा जाता है। स्नान दान एवं व्रत सहित श्रावणी पूर्णिमा पर दान का विशेष लाभ मिलेगा।आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि अधिकतर रक्षा बंधन के पर्व पर भद्रा की साया रहती है लेकिन इस वर्ष भद्रा भोर से सुबह 8:28 तक ही रहेगी। पूर्णिमा तिथि में ही रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से लेकर रात्रि 8:20 बजे तक रहेगी।

बंधन का शुभ मुहूर्त

  • सुबह 9:27 से रात्रि 9 :11 बजे तक
  • दोपहर-1 :45 से 4:23 बजे तक
  • प्रदोष काल-शाम 7:01 से 9 :11 बजे तक

ऐसे शुरू हुआ रक्षा बंधन

रक्षा बंधन को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी के अनुसार मां लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधी थी। इसके पीछे कथानक है कि राजा बली यज्ञ और तप के बल पर स्वर्ग पर अपना अधिकार जमाना चाहते थे। घबराए इंद्र ने भगवान विष्णु की सहायता की थी। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बली ने तीनों लोक दान में लेकर उसे रसातल में भेज दिया। बली ने भक्ति के बल पर भगवान विष्णु को सदा अपने सामने रहने का वचन ले लिया। तभी लक्ष्मी जी ने राजा बली को भाई के रूप में रक्षा सूत्र बांधा और संकल्प के रूप में विष्णु जी को वापस ले आईं। तभी से यह त्योहार मनाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि द्रोपदी ने श्रीकृष्ण को रक्षा सूत्र बांधकर भाई बनाया था और उन्होंने उनकी रक्षा का संकल्प लिया था।

राशियों के अनुसार खरीदी राखी

भाइयों को कष्ट से दूर रखने के लिए बहनें हर जतन करने में पीछे नहीं हैं। कौन सा रंग भाई की कलाई पर बंधेगा इसकी जानकारी लेकर वह राशि के अनुरूप राखियों की खरीदारी कर रही हैं। स्वदेशी राखियों के बाजार में बहनों ने राखियोें की खरीदारी की। अाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि ने बताया कि रक्षा बंधन के दिन सूर्य- बुध - कर्क राशि में रहेगा तो चंद्रमा मकर राशि में होगा। मंगल मीन में तो गुरु और केतु - धनु राशि में रहेंगे। शुक्र व राहु मिथुन और मकर राशि में शनि रहेंगे। राशियों के अनुरूप राखी के रंग का चयन समृद्धि का द्योतक है।

जैसी राशि, वैसी राखी

  • मेष - लाल रंग की राखी
  • वृष - सफेद व सिल्वर रंग की राखी
  • मिथुन -हरे रंग या चंदन से बनी राखी
  • कर्क -सफेद रंग या मोतियों की बनी राखी
  • सिंह-पीला, गुलाबी या सुनहरे रंग की राखी
  • कन्या- हरे रंग या सफेद रेशमी राखी
  • तुला -आसमानी रंग, सफेद, क्रीम कलर की राखी
  • वृश्चिक-गुलाबी, लाल रंग की राखी
  • धनु -पीले रंग या रेशमी राखी
  • मकर- नीले, सफेद व सिल्वर रंग की राखी
  • कुंभ - सिल्वर, पीले रंग की राखी
  • मीन -पीले रंग की राखी

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