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राज्यसभा उप चुनाव : सीएम योगी की मौजूदगी में सुधांशु त्रिवेदी का नामांकन, निर्विरोध चुनना तय

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की खाली सीट पर राज्यसभा का टिकट पाने वाले सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 02:41 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 09:44 PM (IST)
राज्यसभा उप चुनाव : सीएम योगी की मौजूदगी में सुधांशु त्रिवेदी का नामांकन, निर्विरोध चुनना तय
राज्यसभा उप चुनाव : सीएम योगी की मौजूदगी में सुधांशु त्रिवेदी का नामांकन, निर्विरोध चुनना तय

लखनऊ, जेएनएन। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन से रिक्त राज्यसभा की सीट के लिए शुक्रवार को अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी सुधांशु त्रिवेदी ने दोपहर दो बजे नामांकनपत्र जमा कराया। इस सीट पर किसी अन्य उम्मीदवार द्वारा पर्चा नहीं भरने के कारण सुधांशु का निर्विरोध निर्वाचित हो जाना तय है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सरकार के अनेक मंत्री भी मोजूद थे। निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने बताया कि सुधांशु त्रिवेदी ने तीन सेट में नामांकन कराया। शनिवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी और नौ अक्टूबर को अपराह्न तीन बजे तक नाम वापसी हो सकेगी। 

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पूर्व वित्त मंत्री स्व.जेटली से जुड़ाव होने के कारण यह सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी धारक सुधांशु को सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री का सूचना सलाहकार होने व भाजपा अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार होने का श्रेय भी हैं। लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले सुधांशु को राज्यसभा में भेजने का फैसला लेकर भाजपा नेतृत्व ने उनको ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उभारने का संकेत भी दिया है।

नामांकन करने से पहले सुधांश भाजपा कार्यालय पहुंचे और वहां से करीब डेढ़ बजे उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल, सुरेश राणा, अशोक कटारिया, बलदेव सिंह ओलख, रमापति शास्त्री और मनीष दीक्षित आदि के साथ जुलूस के रूप में विधानभवन के सेंट्रल हाल पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही विधानसभा अध्यक्ष हृृदयनारायण दीक्षित के कक्ष में मौजूद थे।  पर्चा भरने के बाद सुधांशु त्रिवेदी ने खुद को उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा नेतृत्व का आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि जेटली जैसे व्यक्तित्व की रिक्त सीट पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलना गौरव की बात है।

करोड़ों के मालिक सुधांशु त्रिवेदी बे-'कार'

करोड़ों रुपये की चल अचल संपत्ति के मालिक सुधांशु त्रिवेदी के पास अपनी एक भी कार नहीं है। उनके सात बैंक एकाउंट व एक पीपीएफ एकाउंट में ही करीब 1.96 करोड़ रुपये जमा हैं। उनके पास कुल 6.93 करोड़ रुपये की चल संपत्ति हैं। उनकी पत्नी के पास भी 4.58 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। सुधांशु त्रिवेदी को सोने के गहनों से भी बेहद लगाव है। उनके पास 1370 ग्राम के सोने के गहने हैं। इनकी कीमत 43 लाख रुपये है। चार लाख रुपये की चांदी भी उनके पास है। उनकी पत्नी के पास भी 59 लाख रुपये के सोने के गहने हैं। 4.55 लाख रुपये के चांदी के भी गहने हैं। उनके पास गुरुग्राम हरियाणा में दो वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भी हैं। इनकी कीमत 2.89 करोड़ रुपये बताई जा रही है। सुधांशु के पास अपना कोई घर नहीं है, हालांकि उनकी पत्नी के पास वैशाली गाजियाबाद में 1590 वर्ग फीट का फ्लैट है। इसकी कीमत 85.66 लाख रुपये है। सुधांशु के पास 1.75 लाख रुपये कैश व उनकी पत्नी के पास 1.50 लाख रुपये कैश है। सुधांशु के पास सीतापुर में करीब छह लाख रुपये की 0.74 एकड़ कृषि भूमि भी है।

लंबे समय से संगठन के लिए कार्य कर रहे

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा उप चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया। त्रिवेदी ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन से रिक्त हुई सीट पर शुक्रवार को नामांकन किया। सुधांशु त्रिवेदी लंबे समय से संगठन के लिए कार्य कर रहे हैं। राजनाथ सिंह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब वह उनके करीब आये और उनके अध्यक्ष बनने पर बतौर सलाहकार उनकी भूमिका चर्चा में रही। सुधांशु त्रिवेदी ने बाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रभावित किया। राज्यसभा की इस खाली सीट के लिए प्रदेश के कई दिग्गज कतार में थे, लेकिन सुधांशु ने सबको पीछे छोड़ते हुए केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा हासिल किया है।

सुधांशु ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में की है पीएचडी

लखनऊ के सुधांशु ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के बाद कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया है। सुधांशु को सबसे कम उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार होने का श्रेय प्राप्त है तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार के तौर पर वह सबसे कम उम्र में किसी भारतीय राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के सलाहकार भी बन चुके हैं। सुधांशु त्रिवेदी जहां पार्टी के प्रखर वक्ता के तौर पर नजर आते रहे हैं, वहीं विभिन्न विषयों पर व्याख्यान के लिए देश-विदेश में उन्हें आमंत्रित किया जाता रहा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सुधांशु भाजपा की उस चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति में शामिल थे, जिस पर प्रचार का जिम्मा था।


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