अखिलेश से टूटती आस के बीच शिवपाल से मिले राजभर, ओवैसी व आजाद; अटकलों का बाजार गर्म
भागीदारी संकल्प मोर्चा को प्रसपा अध्यक्ष के रुख का इंतजार। योगी सरकार से बर्खास्तगी के बाद प्रतिशोध के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा तैयार कर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इसमें और भी सहयोगियों को जोडऩे में लगे हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव में बेशक, सीधा मुकाबला बड़े दलों के बीच होना है, लेकिन कुछ-कुछ वोट मुट्ठी में दबाए छोटे दल भी अपनी आवाज बुलंद किए हुए हैं। योगी सरकार से बर्खास्तगी के बाद प्रतिशोध के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा तैयार कर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इसमें और भी सहयोगियों को जोडऩे में लगे हैं। एआइएमआइएम असदउद्दीन ओवैसी उनके पुराने हमकदम हैं, चंद्रशेखर आजाद सहित कई और छोटे दल उनके साथ हैं। इधर, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि, अखिलेश यादव से सुलह की आस टूटने की खबरों के बाद ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी, चन्द्रशेखर व शिवपाल यादव की मुलाकात हुई। शिवपाल के आवास पर हुई इस मुलाकात ने नई अटकलों को जन्म दे दिया है।
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ रोकने के लिए सभी दल अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। भाजपा के साथ अपना दल है, निषाद पार्टी ने भी गठबंधन की घोषणा कर दी है। अन्य छोटे दलों के लिए सपा और कांग्रेस भी अपने दरवाजे खोले हैं, जबकि पिछले चुनाव में भाजपा के सहयोगी रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने छोटे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है। वह अपनी मंशा स्पष्ट कर चुके हैं कि कैसे भी भाजपा को हारना है। उनकी इस मुहिम में ओवैसी कई महीने से हाथ मिलाकर चल रहे हैं। सूबे में दलितों की राजनीति में अपना राजनीतिक भविष्य देख रहे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का रुख मोर्चा का सहभागी बनने के प्रति है। ओवैसी और राजभर की चाय पर कई दौर की चर्चा शिवपाल सिंह यादव के साथ भी हो चुकी है, लेकिन उनका रुख अभी साफ नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के मजबूत सहयोगी माने जा रहे शिवपाल को अब तक पूरी आस थी कि सपा मुखिया अखिलेश उन्हें सम्मानजनक सीटें देकर उनकी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे। कई बार वह इस बात को कह भी चुके हैं। शिवपाल इंतजार की मुद्रा में रहे और सपा अध्यक्ष की ओर से कोई स्पष्ट आश्वासन अभी तक नहीं मिला है।
शायद प्रसपा अध्यक्ष का सब्र अब जवाब दे रहा है। मंगलवार को इटावा में उन्होंने दो टूक कह दिया कि 11 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। यदि अखिलेश जवाब नहीं देते हैं तो वह 12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा शुरू कर देंगे। अगले ही दिन, यानी बुधवार देर शाम को ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी और चंद्रशेखर लखनऊ स्थित शिवपाल के सरकारी आवास पहुंच गए। वहां करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। बाहर निकलकर किसी ने मीडिया को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन माना जा रहा है कि भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने लिए शिवपाल से बात हुई है। शिवपाल से अपनी स्थिति जल्द स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। यदि उन्हें मोर्चा के साथ रहना है तो फिर उसी के अनुसार दलों के बीच सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय किया जाएगा। उम्मीद यही है कि 11 अक्टूबर तक शिवपाल का इंतजार किया जाएगा।