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राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने किये रामलला के दर्शन, चंपतराय ने किया स्‍वागत

राजस्थान के राज्यपाल ने सरयू आरती के बाद हनुमानगढ़ी एवं राम जन्मभूमि पहुंच दर्शन पूजन किया। राम जन्मभूमि परिसर में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय एवं सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने राज्यपाल का स्वागत किया।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 06:11 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 07:11 AM (IST)
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने किये रामलला के दर्शन, चंपतराय ने किया स्‍वागत
राज्यपाल कलराज मिश्र ने किए रामलला के दर्शन।

अयोध्या, संवाद सूत्र। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र सोमवार को अयोध्या पहुंचे। उन्‍होंने पहले अपने स्थानीय सहयोगी एवं उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास बैंक के पूर्व निदेशक निशेद्र मोहन मिश्र के साथ पुण्य सलिला सरयू की आरती की। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरयू आरती के बाद हनुमानगढ़ी एवं राम जन्मभूमि पहुंच दर्शन पूजन किया। राम जन्मभूमि परिसर में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय एवं सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने राज्यपाल कलराज का मिश्र जोरदार स्वागत किया।

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रामलला के दर्शन के बाद राजस्थान के राज्यपाल ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या के लिए स्वर्ण युग आ गया है। रामलला का मंदिर सांस्कृतिक एकता एवं सद्भाव का केंद्र बिंदु होगा। राज्‍यपाल कलराज मिश्र का राम नगरी से गहरा सरोकार रहा है। मंदिर आंदोलन के उभार के दिनों में वे कल्याण सिंह जैसे दिग्गज के सहयोगी के रूप में राम नगरी के संपर्क में आए थे। वर्ष 1991 में भाजपा की सरकार बनी तो व प्रदेश सरकार के मंत्री के रूप में अयोध्या की चिंता करने वालों में अग्रणी थे। अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में कोशिश करने वाले शुरुआती लोगों में भी उनकी गणना होती है। वर्ष 1996 में उन्हें दोबारा प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला और उन्‍होंने पर्यटन मंत्री के तौर पर उन्होंने राम नगरी के अनेक कुंड और अंतरराष्ट्रीय कई प्राचीन स्थलों का पर्यटन विकास कराया। वे समय-समय पर अयोध्या आते रहे और रामलला के प्रति आस्था ज्ञापित करने के साथ अयोध्या की चिंता करते रहते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में कलराज मिश्र ने दो दशक पूर्व अपनी पारी की शुरुआत ने रामलला के दर्शन के बाद की थी। इसके बाद वे वर्ष 2014 में केंद्रीय मंत्री बने और तब भी वे गाहे-बगाहे अयोध्या आकर अपनी आस्था अर्पित करते रहे हैं।


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