समय की पटरी से उतरी ट्रेनः एक माह में 168 घंटे लेट रही राज्यरानी एक्सप्रेस
मेरठ से लखनऊ को जोडऩे वाली राज्यरानी एक्सप्रेस लंबे पटरी से उतरी है। एक माह में यह ट्रेन 168 घंटे लेट रही।
लखनऊ (जेएनएन)। मेरठ से लखनऊ को जोडऩे वाली राज्यरानी एक्सप्रेस लंबे पटरी से उतरी है। एक माह में यह ट्रेन 168 घंटे लेट रही। 12 कोच वाली इस ट्रेन में हजारों यात्रियों का लाखों रुपए का कीमती समय बर्बाद किया है। लखनऊ से दोपहर बाद चलने वाली राज्यरानी का रात 10.35 बजे मेरठ पहुंचना तय है लेकिन एक से 30 जून के बीच ट्रेन केवल एक दिन समय से चली। छह बार 10 से अधिक घंटे लेट रही। 21 जून को 13 घंटे और छह और 26 जून को निरस्त करना पड़ा। राज्यरानी का संचालन मेरठ से लखनऊ जाने वाले नौकरीपेशा वर्ग की मांग पर किया गया था। रेलवे मानकों के आधार देखा जाए तो ट्रेन से रोज 3500 यात्री सफर करते हैं।
कब कब कितनी लेट
7 और 26 जुलाई को निरस्त
चार को 12, 20 को 10.30, 21 को 13, 23 को 10, 24 को 11, 27 को 10 घंटे लेट
लेट होने के कारण
राज्यरानी के लेट होने का मुख्य कारण इसमें लगने वाले कोच का झांसी से आना है। लखनऊ से आने वाली 22453 राज्यरानी में झांसी से लखनऊ के बीच चलने वाली ट्रेन के कोच लगाए जाते हैं। अगर झांसी से चलने वाली ट्रेन लेट होती है तो राज्यरानी भी लेट हो जाती है। झांसी इंटरसिटी एक्सप्रेस ही मेरठ के लिए राज्यरानी एक्सप्रेस बनकर जाती है। जब अधिकारियों का पक्ष जाना जाए तो एक तीन डिवीजन एक दूसरे पर टालते नजर आते हैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्यरानी को मेरठ से समय से छोडऩे का पूरा प्रयास किया जाता है। लखनऊ से आने वाली ट्रेन के लेट होने का संबंध दूसरे डिवीजनों से है। लखनऊ में भी जवाब लगभग ऐसा ही हो सकता है लेकिन जनता के कीमती समय का किसी के पास जवाब नहीं है।