लखनऊ तथा पास से जिलों को मिलेगी भीषण उमस से राहत, कैंट में हुई बारिश
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को अलग-अलग स्थानों पर अगले दो-तीन घंटों के दौरान आज बारिश के साथ ही गरज और बिजली के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है।
लखनऊ, जेएनएन। उमस भरी भीषण गर्मी से जूझ रहे लखनऊ के साथ पास के जिलों तथा रुहेलखंड को बस चंद घंटों बाद ही बड़ी राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार यहां पर करीब चार दिन तक झमाझम पानी बरसेगा। वहींं कैंंट क्षेत्र में गुरुवार सुबह 11:30 बजेे हुई बारिश ने लोगों को थोड़ी राहत दी।
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, संभल, बदायूं, कासगंज, एटा, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा में अलग-अलग स्थानों पर अगले दो-तीन घंटों के दौरान आज बारिश के साथ ही गरज और बिजली के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है। जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके साथ ही किसानों के भी चेहरे खिल जाएंगे। यह बारिश सभी के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।
मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके उत्तर की ओर बढऩे की उम्मीद है। इसके उत्तर की ओर बढऩे से मध्य उत्तर प्रदेश प्रदेश में बारिश का रुका हुआ दौर फिर शुरू होगा। दरअसल प्रदेश में मानसून इस बार कम मेहरबान है और लोग उनके बरसने की बाट जोह रहे हैं। प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य के मुकाबले करीब 24 फीसद बारिश कम रिकॉर्ड हुई है। वहीं इस बार अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 29 फीसद और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 21 फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
IMD Lucknow: Rain/thundershowers and lightning very likely to occur today during next 2 hours at isolated places over Bulandsahar, Aligarh, Mathura, Hathras, Sambhal, Badaun, Kasganj, Etah, Bijnor, Moradabad, Amroha. districts and adjoining areas.— ANI UP (@ANINewsUP) September 12, 2019
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता उम्मीद जताते हैं कि इस माह होने वाली बारिश अब तक की कमी को काफी हद तक पूरा कर देगी। प्रदेश में सामान्य तौर पर 10 सितंबर तक 701.8 मिमी. बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस बार इससे 24 फीसद कम मात्र 532.2 मिमी. बारिश ही रिकॉर्ड हुई है। राजधानी की बात करें तो यहां अब तक 600.6 मिमी. बारिश होनी चाहिए, लेकिन तीन फीसद कम 582.2 फीसद बारिश रिकॉर्ड हुई है। आंकड़े भले ही राजधानी में सामान्य बारिश जैसे हालात बता रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि लोग बारिश को तरस रहे हैं। उमस भरी गर्मी लोगों को सितंबर में पसीना-पसीना कर रही हैं। यहां पर जगह-जगह बादल मंडराते तो दिखते हैं, लेकिन बगैर बरसे निकल जाते हैं। इससे लोगों में काफी मायूसी थी।