अब हर मिनट 20 हजार टिकट बनाएगा रेलवे, नहीं करना पड़ेगा घंटों इंतजार Lucknow News
आइआरसीटीसी की तरह नेक्स्ट-जेन सॉफ्टवेयर से चलेगा पीआरएस। हर काउंटर पर एक मिनट में बनाए जा सकेंगे तीन से चार टिकट।
लखनऊ [निशांत यादव]। रेल आरक्षण केंद्रों पर टिकट बनाने में लगने वाला वक्त अब कम होगा। इसके लिए यात्री रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) के एप्लिकेशन को आसान और तेज बनाया जाएगा, जिससे तत्काल और सामान्य रेल रिजर्वेशन में दोगुनी क्षमता से टिकट बनाए जा सकें।
रेलवे जल्द ही भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के नेक्स्ट-जेन सॉफ्टवेयर की मदद से अपने पीआरएस को अपग्रेड करेगा। इस सॉफ्टवेयर से रेलवे एक मिनट में 20 हजार टिकट देशभर में बना सकेगा। इससे हर काउंटर पर एक मिनट में तीन से चार टिकट तक बनाए जा सकेंगे।
सौ दिन में हो जाएगा अपडेट
सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) 100 दिन के भीतर अपने सिस्टम को नेक्स्ट-जेन सॉफ्टवेयर से अपग्रेड करेगा।
दोनों सिस्टम में ये है अंतर
दरअसल, अभी रेलवे के आरक्षण काउंटरों के सिस्टम पर एप्लिकेशन को पूरा भरने में औसतन 30 से 35 सेकेंड का समय लगता है। इससे पूरी क्षमता से एक नाम का टिकट बनाने में 50 से 60 सेकेंड लग जाता है। नेटवर्क की धीमी गति के कारण एप्लिकेशन की डिटेल को भरकर सिस्टम के प्रिंटर को कमांड करने में 10 सेकेंड अतिरिक्त समय लगता है, जबकि नेक्स्ट-जेन सॉफ्टवेयर से आइआरसीटीसी के एप्लिकेशन की डिटेल को पूरा भरने में 20 से 25 सेकेंड का समय लगता है।
रोजाना बनते हैं 12 लाख टिकट
भारत में रोजाना आरक्षित श्रेणी के करीब 12 लाख रेल टिकट बनते हैं। इनमें से आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर नेक्स्ट-जेन सॉफ्टवेयर पर करीब आठ से साढ़े आठ लाख टिकट बनते हैं। सुबह तत्काल के समय अब जहां रेलवे आरक्षण केंद्रों पर लाइन कम हो गई है। वहीं, आइआरसीटीसी पर यह टिकट अधिक बन रहे हैं। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, क्रिस को पीआरएस को नेक्स्ट-जेन सॉफ्टवेयर से अपग्रेड करने के आदेश दे दिए गए हैं। क्रिस के उत्तर, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी सर्वर एक साथ अपग्रेड होंगे।
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