लखनऊ में दागी रेल अफसरों पर गिरी गाज! 32 रेल अधिकारियों को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति Lucknow News
लखनऊ में 32 दागी रेल अफसरों को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति कई और पर गिर सकती है गाज। ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी।
लखनऊ, जेएनएन। रेलवे में पहली बार शिकायतों से घिरे 32 रेल अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। रेलवे की आंतरिक कमेटी के पास देशभर के ऐसे कुल 1780 अधिकारियों की कुंडली है। माना जा रहा है कि कमेटी देश के कई और अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति का रास्ता दिखा सकती है।
रेलवे बोर्ड ने विजिलेंस की मदद से देश के सभी जोनल और मंडल मुख्यालयों से उन अधिकारियों का रिकॉर्ड तलब किया था, जिनके खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। रेलवे ने सबसे पहले वर्ष 2016-17 में 1824 अधिकारियों की सेवा का परीक्षण किया था। इनमें चार अधिकारियों को स्थायी सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। इसके बाद फिर नए सिरे से दागी और अयोग्य अधिकारियों की जांच शुरू की गई। विजिलेंस से अयोग्य, कार्य प्रणाली पर संदेह और सर्विस नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों की जांच के लिए आंतरिक कमेटी बनाई गई। इस आंतरिक कमेटी को रेलवे विजिलेंस ने 1780 अधिकारियों का सर्विस रिकॉर्ड सौंपा था। इसमें वरिष्ठ ग्रेड वाले 50 साल से अधिक उम्र के 1410 अधिकारियों की स्क्रूटनी की गई थी।
इनमें से पहले चरण में 22 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। वहीं, दूसरी ओर ए ग्रेड के विभिन्न कैडर के 131 अधिकारियों की जांच चल रही है। अभी दो को ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति मिली है, जबकि बी ग्रेड के 118 अधिकारियों की जांच के बाद दो को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर भेजा गया है। आंतरिक कमेटी की नजर कुछ उन दागी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर भी है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत आ चुकी है। ऐसे ही 121 कर्मचारियों की जांच कर छह को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया है।