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किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन 18 को, अराजकतत्वों के सक्रिय होने की आशंका पर यूपी में अलर्ट

18 अक्टूबर को किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है जबकि 19 अक्टूबर को बारावफात है। किसान आंदोलन की आड़ में अराजकतत्वों के सक्रिय होने की आशंका ने पुलिस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था का कहना है कि इसे लेकर अलर्ट किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 10:15 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:30 AM (IST)
किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन 18 को, अराजकतत्वों के सक्रिय होने की आशंका पर यूपी में अलर्ट
बारावफात की सुरक्षा-व्यवस्था की भी चुनौती। एडीजी कानून-व्यवस्था ने दिए कड़े निर्देश।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। दुर्गा पूजा व दशहरा पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के बाद अब पुलिस के सामने कृषि कानून विरोधी आंदोलन को लेकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती है। 18 अक्टूबर को किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है, जबकि 19 अक्टूबर को बारावफात है। किसान आंदोलन की आड़ में अराजकतत्वों के सक्रिय होने की आशंका ने पुलिस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इसे लेकर अलर्ट किया गया है। अधिकारियों को किसान संगठनों के पदाधिकारियों को आंदोलन में अराजकतत्वों के गड़बड़ी करने की आशंका से जुड़े तथ्यों की जानकारी देने तथा शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके लगातार संपर्क में रहने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी गड़बड़ी करने वाले तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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डीजीपी मुख्यालय स्तर से बारावफात की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने को कहा गया है। ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के 18 अक्टूबर को रेल रोकने के ऐलान के ²ष्टिगत सभी जिलों की पुलिस व जीआरपी को अलर्ट किया गया है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूरी सतर्कता बरते जाने के निर्देश हैं।

एडीजी कानून-व्यवस्था का कहना है कि पूर्व में भी किसान संगठनों से वार्ता के जरिए समाधान के प्रयास किए जाते रहे हैं। आंदोलन में अराजकतत्वों के घुसने की आशंका को देखते हुए संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं। एडीजी का कहना है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह आपराधिक कृत्य था, जिसमें आरोपितों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई है। पूरे प्रकरण की गहनता से छानबीन चल रही है। इसे आंदोलन से जोड़कर देखना औचित्यपूर्ण नहीं है। 


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