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मोजांबिक तक रेल कोच पहुंचाने काे रोडमैप तैयार, मुंबई तक सड़क और फिर समुद्र के रास्ते विदेश जाएंगे डिब्बे

लालगंज स्थित रेलकोच कारखाना में मोजांबिक के लिए 90 कोच बनने हैं। फिलहाल पहली रैक के कोच बनकर तैयार हो चुके हैं। इनमें 12 डिब्बे शामिल हैं। अभी पांच कोच को ही आरेडिका के क्वालिटी डिपार्टमेंट ने क्लियरेंस दिया है। अन्य डिब्बों का परीक्षण चल रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 07:07 AM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 06:00 PM (IST)
मोजांबिक तक रेल कोच पहुंचाने काे रोडमैप तैयार, मुंबई तक सड़क और फिर समुद्र के रास्ते विदेश जाएंगे डिब्बे
रायबरेली से मुंबई तक इन्‍हें सड़क मार्ग से पहुंचाया जाएगा।

रायबरेली, जागरण संवाददाता। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) में निर्मित डिब्बों को मोजांबिक तक पहुंचाने का रोडमैप तैयार हो गया है। यहां से इन्हें मुंबई तक सड़क मार्ग से पहुंचाया जाएगा। वहां से पानी के जहाज से इन्हें विदेश भेजा जाएगा। लालगंज स्थित रेलकोच कारखाना में मोजांबिक के लिए 90 कोच बनने हैं। फिलहाल, पहली रैक के कोच बनकर तैयार हो चुके हैं। इनमें 12 डिब्बे शामिल हैं। अभी पांच कोच को ही आरेडिका के क्वालिटी डिपार्टमेंट ने क्लियरेंस दिया है। अन्य डिब्बों का परीक्षण चल रहा है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक शेष कोच भी इस परीक्षा को पास कर रवानगी के लिए तैयार हो जाएंगे। एक तरफ पहली रैक के काेच की जांच हो रही है तो दूसरी ओर उन्हें मोजांबिक तक पहुंचाने का भी खाका खींचा जा रहा है ताकि, सारे डिब्बों को क्वालिटी डिपार्टमेंट से हरी झंडी मिलने के बाद निकासी में लेटलतीफी न हो।

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राइट्स के जिम्मे परिवहन का काम : ट्रेन के डिब्बे हों या अन्य कोई सामग्री, रेलवे में इसके परिवहन का पूरा काम रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) ही देखती है। मोजांबिक कोच के परिवहन की जिम्मेदारी भी इसी पर है। आरेडिका से मुंबई तक ट्रेलर या दूसरे भारी वाहनों से ये कोच पहुंचाए जाने हैं। इसके लिए उक्त संस्था ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इनकी भी सुनें : मोजांबिक के कोच के परिवहन की तैयारी चल रही है। राइट्स की ओर से इसका खाका खींचा गया है। पूरी उम्मीद है कि इस महीने पहली रैक निकल जाएगी।   -वीके दुबे, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, आरेडिका

पहली बार आरेडिका ने बनाए हैं विदेशी कोच : वैसे तो आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना हर साल ट्रेन के सैकड़ों कोच बनाता है। फिर चाहे वह देश में दौड़ रहीं अत्याधुनिक सुविधाओं वाली तेजस ट्रेन के हों या फिर सामान्य श्रेणी के। स्थापना के बाद यह पहला अवसर है, जब इस फैक्ट्री में विदेशी ट्रेन के डिब्बों को आकार दिया जा रहा है। यह मौका फैक्ट्री को मोजांबिक से मिला है। यही कारण है कि फैक्ट्री के अफसरों से लेकर कर्मचारी तक इसे लेकर उत्साहित हैं। यही नहीं, पूरे जनपद में इन डिब्बों की चर्चाएं हो रही हैं।


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