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फर्जीवाड़ा करने वाली इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में बरामद हुए घटतौली की चिप

लखनऊ में घटतौली की चिप लगाकर बेचने वाली इलेक्ट्राेनिक तराजू कंपनी का भंडाफोड़ कई अवैध तराजू बरामद मदरबोर्ड में लगाता था घटतौली वाली चिप।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:25 PM (IST)
फर्जीवाड़ा करने वाली इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में बरामद हुए घटतौली की चिप
फर्जीवाड़ा करने वाली इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में बरामद हुए घटतौली की चिप

लखनऊ, जेएनएन। इलेक्ट्रॉनिक तराजू में चिप लगाकर घटतौली करने के मामले में एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने सोमवार को अवैध इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने आजादनगर कृष्णानगर निवासी फैक्ट्री संचालक अशफाक अली को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित कृष्णा नगर में अवैध फैक्ट्री संचालित कर रहा था। फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में अवैध इलेक्ट्रॉनिक तराजू बरामद की गई है।

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इससे पहले एसटीएफ ने नगराम और बाराबंकी के लोनी कटरा से पांच लोगों को गिरफ्तार कर इलेक्ट्रॉनिक तराजू से घटतौली करने वाले के गिरोह का राजफाश किया था। आइजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक यह सूचना प्राप्त हुई थी कि अवैध फैक्ट्री में घटतौली करने वाली इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाई जा रही है। इसके बाद टीम गठित कर मामले की छानबीन के निर्देश दिए गए थे। पड़ताल में पता चला कि इलेक्ट्रॉनिक तराजू में एक ऐसा मदरबोर्ड लगाया जाता है जो एक ही सामान का अलग-अलग वजन बताता है। इसके लिए उसमें चिप लगाया जाता है, जो रिमोट के जरिए कंट्रोल होता है। फैक्ट्री संचालक अपने साथियों की मदद से घटतौली करने वाले व्यापारियों को उनकी मांग पर इलेक्ट्रॉनिक तराजू बेचता था। इससे ग्राहकों को काफी नुकसान होता था।

दिल्ली व अन्य राज्यों से मंगाता था पार्ट्स

पूछताछ में आरोपित अशफाक ने एसटीएफ को बताया कि वह इलेक्ट्रॉनिक तराजू में लगाए जाने वाला पार्ट्स अलग-अलग राज्यों से मंगाता था। आरोपित ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश से अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स मंगाए थे। इन पार्ट्स से बने इलेक्ट्रॉनिक तराजू को आरोपित ने प्रदेश के विभिन्न शहरों में बेचने की बात कबूल की है। यही नहीं आरोपित अशफाक व्यापारियों की मांग पर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक तराजू बेचने के बाद उसे संचालित करने की ट्रेनिंग भी देता था। छानबीन में सामने आया है कि अवैध इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाने की फैक्ट्री प्रदेश के कई शहरों में संचालित हो रही है। एसटीएफ आरोपित के बयान के आधार पर छानबीन कर रही है।


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