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यूपी में एक दर्जन बड़ी जनसभाओं से भाजपा विरोधी माहौल गर्माएंगे राहुल गांधी

सपा-बसपा के अडियल रवैये के चलते भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन बनाने की संभावना धुमिल होते ही कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में लाने में जुट गए है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 08:23 PM (IST)
यूपी में एक दर्जन बड़ी जनसभाओं से भाजपा विरोधी माहौल गर्माएंगे राहुल गांधी
यूपी में एक दर्जन बड़ी जनसभाओं से भाजपा विरोधी माहौल गर्माएंगे राहुल गांधी

लखनऊ, जेएनएन।  सपा-बसपा के अडियल रवैये के चलते भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन बनाने की संभावना धुमिल होते ही कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में लाने में जुट गए है। एक दर्जन स्थानों पर बड़ी जनसभाएं कर भाजपा विरोधी माहौल को गर्माने की रणनीति तैयार की है। जिलेवार प्रमुख नेताओं की बैठकों में जिम्मेदारियां सौंपने का कार्य भी शुरू हो गया है। जनसभाओं की शुरूआत पश्चिमी उप्र में सहारनपुर या हापुड़ से होगी। शुक्रवार को दिल्ली में मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद मंडल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी की जनसभाओं को सफल बनाने में जुटने के निर्देश दिए। बैठकों का सिलसिला 14 जनवरी तक चलेगा। दिल्ली के बाद लखनऊ में पूर्वी जिलों के कार्यकर्ताओं की बैठकें 13 व 14 जनवरी को होंगी। 

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अकेले चुनाव लडऩा लाभदायक

राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस नेतृत्व को भरोसा है कि उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लडऩा लाभदायक होगा क्योंकि सपा-बसपा गठबंधन में सम्मानजनक सीटें न मिल पाने से संगठन और कमजोरी आएगी।  सूत्रों का कहना है कि जनसभाओं में किसानों पर ही अधिक फोकस रहेगा।  पूर्व विधायक गजराज सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में सर्वाधिक शोषण किसानों, युवाओं व व्यापारियों  का हुआ है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी बड़े उलटफेर होने का दावा किया। 

फरवरी के प्रथम सप्ताह में शुरू होंगी सभाएं

राहुल की जनसभाएं फरवरी के प्रथम सप्ताह से आरंभ होकर मार्च तक होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन सभाओं के जरिए जवाब दिया जाएगा। एक दो दिन में सभाओं संबंधित योजना फाइनल हो जाएगी। प्राथमिक तौर पर जिन स्थानों को चिंहित किया गया है, उसमें हापुड़, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, बरेली, वाराणसी, सीतापुर, कन्नौज, लखनऊ, गोरखपुर व प्रयागराज शामिल है।

लखनऊ में बैठक कल से

पूर्वी जिलों के नेताओं की बैठक 13 फरवरी से लखनऊ में होगी। 13 को लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात, रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी व सुलतानपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, जौनपुर, वाराणसी, भदोई, मीरजापुर, चंदौली, सोनभद्र, गाजीपुर व आजमगढ़ की बैठ होगी। 14 जनवरी को कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, संत कबीर नगर, कौशांबी, प्रयागराज, चित्रकूट व प्रतापगढ़, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरेया, कानपुर देहात, मैनपुरी की बैठक होगी।


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