अधिक दिन तक नजरंदाज न करें सिर दर्द की समस्या, ऐसे पाएं छुटकारा lucknow news
दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में गुरुवार को लोहिया अस्पताल के मनोरोग चिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने दिए हेल्थ टिप्स।
लखनऊ, जेएनएन। अनियमित जीवनशैली व्यक्ति में सिर दर्द की समस्या बढ़ा रही है। इसे नजरअंदाज करना माइग्रेन, एंजाइटी को बढ़ावा देना है। यही नहीं उलझन, घबराहट बढऩे पर मरीज डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। वहीं माइग्रेन में भूखा रहना मुसीबत बढ़ाने जैसा है। ऐसे में खाली पेट बिलकुल न रहें। ऐसे रोगी तीन से चार घंटे का शेड्यूल बनाएं। तय समय पर पौष्टिक व ठोस आहार लें। साथ ही संयमित दिनचर्या, व्यायाम-योग, पौष्टिक आहार के सेवन से माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पाएं। मनोरोग चिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने पाठकों को मानसिक विकारों से बचाव के उपाए बताए।
42 फीसद कॉरपोरेट कर्मी डिप्रेशन का शिकार
डॉ. देवाशीष के मुताबिक, 42 फीसद कॉरपोरेट कर्मी डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं। इनमें अधिकतर बीमारी को नजरअंदाज करने पर सीवियर मेंटल डिजीज की गिरफ्त में आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वर्ष 2020 तक डिप्रेशन दूसरी सबसे बड़ी बीमारी बन जाएगी।
38.5 फीसद कर्मी छह घंटे से कम ले रहे नींद
डॉ. देवाशीष के मुताबिक कर्मियों को मानसिक स्वस्थ्य रहने के लिए दिनचर्या में सुधार लाना होगा। काम के बोझ को दिमाग पर हावी न होने दें। साथ ही खान-पान व नींद पर्याप्त लें। सर्वे में पाया गया कि कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले 38.5 फीसद लोग छह घंटे से कम नींद लेते हैं, जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए घातक है।
मौत के घाट उतार रही बीमारी
डॉ. देवाशीष ने बताया कि डिप्रेशन को हल्के में न लें। परिजन घर के सदस्यों में यह समस्या देखकर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। इसके चलते एक लाख में से 21 लोग आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2015 में 322 मिलियन लोगों को डिप्रेशन का शिकार बताया था। वहीं अब संख्या 450 मिलियन को पार कर गई है।
ये हैं प्रमुख मानसिक बीमारियां
डिप्रेशन, एंजाइटी, सीजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिस्ऑर्डर, मैनिया आदि। वहीं एंजाइटी में चार तरह की समस्या होती है। इसमें जनरलाइज्ड एंजाइटी डिस्ऑर्डर (जीएडी), पैनिक अटैक डिस्ऑर्डर (पीएडी), पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर (पीटीएसडी), ऑप्सेसिव कंपलसिव डिस्ऑर्डर (ओसीडी) है।
बार-बार नहाने की सनक है बीमारी
डॉ. देवाशीष ने बताया कि बार-बार बेवजह हाथ धुलने, बार-बार नहाने, कपड़े बदलने जैसी अजीब आदत ऑप्सेसिव कंपलसिव डिस्ऑर्डर की समस्या है। ऐसे व्यक्ति को संबंधित कार्य करने के बाद में ही दिमागी शांति मिलती है, नहीं तो उन्हें घबराहट होती है। कभी-कभी यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है, जोकि व्यक्ति के लिए जानलेवा तक बन जाती है।
बीमारी का है निदान
मानसिक बीमारी लाइलाज नहीं है। जरूरत है कि परिजनों को घर के सदस्य में संबंधित बीमारी की समयगत पहचान करने की। उन्होंने बताया कि अधिक दिन तक मानसिक दिक्कत बनी रहने से व्यक्ति में डायबिटीज, थॉयरायड व हार्ट की बीमारी हो जाती है। लिहाजा, व्यक्ति का एकांत में रहना, गुमसुम रहना, चिड़चिड़ापन होना, अत्यधिक गुस्सा आना जैसे लक्षणों पर गौर रखें। समयगत उसे चिकित्सक को दिखाएं।
पाठकों ने पूछे सवाल
सवाल : बेटा अचानक आक्रामक हो जाता है। अब वह दवा नहीं खा रहा है, क्या करें। सुनंदा, हैदराबाद कॉलोनी
जवाब : मानसिक रोग की कई तरह की दवाएं हैं। इसमें घुलनशील भी हैं। उनमें किसी तरह की महक नहीं आएगी। दूध, पानी आदि में मिलाकर दवा दें।
सवाल : मनोरोग क्यूं बढ़ रहा है। इसका क्या प्रमुख कारण हैं। - प्रदीप कुमार, काकोरी
जवाब : लोगों में कम समय में अधिक हासिल करने की लालसा बढ़ी है। दिनचर्या गड़बड़ा चुकी है। समय पर खानपान व नींद पूरी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में मनोरोग दस्तक दे रहा है।
सवाल : बेटे की शादी हो गई। इंटरनेट पर दूसरी लड़की के जाल में फंस गया। घर में मारपीट व गुस्सा करता है। काबू में नहीं आ रहा है, क्या करें। - पुष्पा, लखनऊ
जवाब : उसे एंजाइटी की समस्या है। इसीलिए भड़क रहा है। काउंसिलिंग इसमें मुख्य है। राहत के लिए कुछ दवाएं भी दी जा सकती हैं।
सवाल : पिता जी बुजुर्ग हैं। वह किसी चीज को बार-बार देखते हैं। मना करने पर गुस्सा हो जाते हैं। - अनुपम, राजाजीपुरम
जवाब : यह एजीटेड डिप्रेशन है। वहीं डिमेंशिया का शुरुआती लक्षण है। मनोरोग चिकित्सक से परामर्श लेकर इलाज कराएं।
सवाल : शरीर में दाने पड़ रहे हैं, बुखार आ रहा है। क्या करें।- श्रवण कुमार, हरपालपुर
जवाब : यह मनोरोग की समस्या नहीं है। मेडिसिन या स्किन के डॉक्टर को दिखाएं।
सवाल : 35 वर्ष की बेटी है। आठ वर्ष से डिप्रेशन की दवा खा रही है। अब फायदा नहीं हो रहा है। - जीएस तिवारी, रायबरेली
जवाब : दवाओं के शरीर पर कार्य करने की एक क्षमता होती है। डोज बदलनी होगी। राहत न मिलने पर अन्य दवा भी डोज में शामिल करना होगा।
सवाल : 15 वर्ष की बेटी है। अकेले बैठे सोचती रहती है। सुबह उल्टी सी महसूस होती है। - इंदू, आलमबाग
जवाब : यह माइग्रेन का शुरुआती लक्षण है। पढ़ाई को प्रेशर की तरह न लें। हेल्दी डाइट दें। हर तीन से चार घंटे पर खाए। भूखी न रहे। योग व व्यायाम करें।
सवाल : पति की उम्र 69 वर्ष हो गई है। उन्हें कुछ याद नहीं रहता, सब भूल जाते हैं।- मालती, कल्ली, लखनऊ
जवाब : यह डिमेंशिया की समस्या है। उनके कमरे में प्रकाश रखें। अंधेरा न होने दें। शौचालय जाने का मार्ग सही कराएं। साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं। साथ ही दवा के जरिये बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।
सवाल : माइग्रेन की समस्या है। अचानक तेज सिर दर्द व उल्टी महसूस होती है। क्या करें। - दीपिका, इंदिरानगर
जवाब : दिनचर्या में सुधार लाना होगा। खाली पेट न रहें। तीन से चार घंटे पर पौष्टिक आहार लें। व्यायाम भी करें।
सवाल : बेटी 19 वर्ष की है। एक सप्ताह से सिर दर्द बढ़ गया है। क्या करें।- मनोज कुमार, बलरामपुर
जवाब : एक बार बेटी की आंखों की जांच करा ले। यदि आंखें सही हैं, तो न्यूरो या मनोरोग चिकित्सक को दिखाएं।
सवाल : गाड़ी चलाते हैं तो दिमाग इधर-उधर चला जाता है। पूजा करने पर भी यही होता है। दवा ली मगर राहत नहीं है, क्या करें।
जवाब : आपमें एकाग्रता की कमी है। यह शुरुआती डिप्रेशन का लक्षण है। दवाएं ब्रेक न करें। समय-समय पर चिकित्सक को दिखाते रहें।
सवाल : सिर में एक साइड में दर्द होता है। कभी-कभी उल्टी हो जाती है। - रेनू, अलीगंज
जवाब : यह माइग्रेन का लक्षण है। दिनचर्या में सुधार करें। खाली पेट न रहें। राहत मिलेगी।
सवाल : सिर दर्द रहता है। गैस बनती है। उलझन होती है। क्या करें। - विभा गुप्ता, ऐशबाग
जवाब : यह माइग्रेन का लक्षण है। योग-व्यायाम करें। खानपान समय से करें। पौष्टिक आहार लें।