Provident fund scam case: सीए ललित गोयल की सशर्त जमानत स्वीकार
यूपी पवार कारपोरेशन कर्मियो की भविष्यनिधि घोटाला मामला।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी पवार कारपोरेशन कर्मियो की भविष्यनिधि के अनियमित निवेश करके करोड़ो का घोटाला करने के मामले में गिरफ्तार सीए ललित गोयल की जमानत अर्जी सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एमपी चौधरी ने सशर्त स्वीकार कर ली। कोर्ट ने आरोपित को 2-2 लाख की जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपित मामले में विवेचक और कोर्ट को सहयोग करेगा और बुलाने पर अविलंब हाजिर होगा। इसके पहले ललित गोयल की ओर से वकील पी चक्रवर्ती ने जमानत अर्जी देकर कोर्ट को बताया कि आरोपित को 16 जनवरी को गिरफ्तार करके जेल भेज गया था।
नियमो के अनुसार 90 दिन के अंदर 15 अप्रैल तक चार्जशीट पेश कर दी जानी चाहिए लेकिन सीबीआइ ने ऐसा नही किया। लिहाजा उसे जमानत मिलनी चाहिए। वहीं सीबीआइ ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि लॉक डाउन के चलते विवेचना प्रभावित हुई है और सुप्रीमकोर्ट ने भी एक आदेश करके सभी मामलों की सीमा बढ़ा दी थी। लिहाजा निर्धारित समय 90 दिन में चार्जशीट पेश करना आवश्यक नहीं राह गया था। कोर्ट ने सीबीआइ के तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि प्रदेश में लॉक डाउन खत्म हो चुका है और 22 मई से ही काम शुरू हो चुका है। इसलिए ललित गोयल जमानत पाने का अधिकारी है ।
गौरतलब है कि यूपी पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र, पूर्व वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट के पूर्व सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता के साथ मिलकर नियमो को दरकिनार करते हुए कर्मियो के भविष्य निधि के हजारों करोड़ रुपये को निजी संस्था डीएचएफएल में निवेश किया। बताया गया कि वित्तमंत्रालय के आदेशों को किनारे करके किये गए। इस मामले में विवेचना के दौरान पता चला कि सीए ललित गोयल की भी संलिप्तता थी और आरोपित ने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कर्मियो के पीएफ के धन को मनमाने ढंग से निवेश कर घोटाला किया। इस मानले की रिपोर्ट 2 नवम्बर2019 को दर्ज कराई गई थी।