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अनुदेशक शिक्षकों ने योगी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मिली लाठियां

मांगों को लेकर सड़क पर उतरे अनुदेशक। पुलिस ने भांजी लाठी, कई जख्मी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Apr 2018 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 04:48 PM (IST)
अनुदेशक शिक्षकों ने योगी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मिली लाठियां
अनुदेशक शिक्षकों ने योगी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मिली लाठियां

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। प्रदेश भर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशक शिक्षकों ने योगी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को हल्ला बोल दिया। सुबह 9 बजे उच्च प्राथमिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिशन की ओर से अनुदेशक बड़ी तादाद में विधानभवन के सामने एकजुट हुए। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर 12 बजे उग्र होकर अनुदेशकों ने बीजेपी कार्यालय की तरफ कूच किया तो पुलिस ने बेरिकेटिंग करके उन्हें रास्ते में रोका। लेकिन जब वह शांत नहीं हुए तो पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। जिससे कई अनुदेशक को गंभीर चोटें भी आई। वहीं, एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ला का कहना है कि सरकार ने अनुदेशकों की मांग पर जल्द विचार न किया तो अनुदेशक और उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस दौरान अनिल कुमार यादव, अभिषेक गुप्ता, अमिताभ वर्मा, प्रियंक कुमार मिश्र, मो फैसल, नीरज कुमार पाण्डेय, महेंद्र पाठक समेत तमाम लोग मौजूद रहे। क्या है पूरा मामला?

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दरअसल, जुलाई, 2013 में प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 31 हजार अंशकालिक अनुदेशकों की नियुक्ति हुई थी। अनुदेशकों का कहना है कि 2017-18 के बजट में केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में उनका मानदेय 17 हजार रुपये करने की सैद्धातिक सहमति दी थी। इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने इसकी पहली किश्त भी जारी कर दी, लेकिन 11 महीने बीत जाने के बावजूद प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी नहीं किया और अब भी अनुदेशकों को सिर्फ 8470 रुपये मानदेय ही मिल रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार 2018-19 के बजट और 51वीं वार्षिक कार्य योजना के लिए 9800 रुपये का प्रस्ताव भेज रही है। अनुदेशकों की माग है कि उनको 17 हजार रुपये मानदेय देने का आदेश तत्काल राज्य सरकार की तरफ से जारी किया जाए। इसके अलावा अनुदेशकों का स्वत: नवीनीकरण होने और महिला अनुदेशकों को 6 माह का वैतनिक अवकाश देने का भी आदेश जारी करने की माग अनुदेशक कर रहे हैं।


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