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Protest against Privatization: पहले दिन की हड़ताल से मंत्रियों, IAS व आम उपभोक्ता ने झेला बिजली संकट

Protest against Privatization विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में सोमवार को शहर से लेकर गांव तक देखने को मिला। अभियंताओं ने माननीयों व अफसरों की नहीं सुनी नहीं ठीक हुए फाल्ट। मध्यांचल के निदेशक तकनीक ने लिया शट डाउन।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:44 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:44 AM (IST)
Protest against Privatization: पहले दिन की हड़ताल से मंत्रियों, IAS व आम उपभोक्ता ने झेला बिजली संकट
बिजली अभियंताओं के पहले की दिन की हड़ताल से लखनऊ की बिजली व्यवस्था चरमरा गई।

लखनऊ, जेएनएन। बिजली अभियंताओं के पहले की दिन की हड़ताल से लखनऊ की बिजली व्यवस्था चरमरा गई। मंत्रियों, आइएएस सहित आम बिजली उपभोक्ता ने घंटों बिजली संकट झेला। एक फोन में पूरे अमले के साथ खड़े होने वाले अधिशासी अभियंताओं ने हड़ताल वाले दिन न मंत्रियों की सुनी और न आइएएस की। यह संकट विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में सोमवार को शहर से लेकर गांव तक देखने को मिला। 

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बिजली विभाग के इतिहास में निदेशक तकनीक सुधीर कुमार सिंह को माननीयों की बिजली व्यवस्था बहाल करवाने के लिए खुद कूपर रोड उपकेंद्र पहुंचकर शट डाउन लेना पड़ा, तब कही जाकर दूसरे स्त्रोत से बिजली चालू हुई। वहीं, इसके कारण डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या सहित दो दर्जन मंत्रियों के सरकारी आवासों की बिजली प्रभावित रही। 

यही नहीं दर्जनों विधायकों के घरों में भी बिजली संकट रहा। इसके अलावा  कांग्रेस मुख्यालय, वीआईपी गेस्ट हाउस की बिजली भी गुल रही। सुबह 11:38 बजे गई बिजली दोपहर 1:10 बजे आ सकी। राजभवन खंड से पोषित कूपर रोड उपकेंद्र की बिजली को चालू करने के लिए 33 केवी लाइन बंद करनी पड़ी, इससे विक्रमादित्य मार्ग, माल एवेन्यू, गुलिस्तां कॉलोनी, महिला विधायक आवास, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी सहित कई वीआईपी इलाकों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। 

इसी प्रकार जवाहर भवन उप केंद्र की वीआईपी इलाके डालीबाग की बिजली शाम 4:00 बजे अचानक फाल्ट से बंद हो गई निदेशक यहां पर भी पहुंचे और फाल्ट को ठीक कराने के बाद बिजली को चालू कराया। अभियंता संघ के डर के कारण किसी भी अभियंता की बिजली दुरुस्त करवाने की हिम्मत तक नहीं पड़ी। 

उधर, डालीबाग उपकेंद्र से पोषित राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता सहित कई सेवानिवृत्त आइएएस और पुलिस अधिकारियों के आवास की दोपहर 2:45 बजे गई थी जो देर रात नौ बजे तक नहीं आ सकी। इन अफसरों के घर में वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे बिजली चलती रहीं। जवाहर भवन उपकेंद्र पर तैनात कर्मी बताया कि रेड हिल स्कूल रोड पर अपर मुख्य सचिव सहित यह सेवानिवृत्त अफसर निवास करते हैं। यहां पर ट्रांसफार्मर की पेटी का फ्यूज जलने के कारण सप्लाई में व्यवधान आया।

पंद्रह हजार घरों में बिजली संकट 

अहिबारनपुर उपकेंद्र की 33 केवी लाइन बंद हो जाने से पंद्रह हजार से अधिक उपभोक्ताओं व बाजार में बिजली गुल हो गई। यह बिजली संकट शाम चार बजे हुआ जो देर रात नौ बजे तक सामान्य नहीं हो सका था। संविदा कर्मचारी जो ड्यूटी पर मौजूद थे वह फीडर को चालू करने से कतराते रहे। उधर विश्वविद्यालय खंड के तहत आने वाले न्यू हैदराबाद सहित आसपास के कई इलाके में सात घंटे से अधिक देर तक बिजली और पानी गुल रहा। यहां के उपभोक्ता सरोज सिंह ने बताया कि दोपहर पौने बाराह बिजली गई थी जो देर रात नौ बजे तक चालू नहीं हो सकी थी। उन्होंने बताया कि इनवर्टर की बैटरी भी खत्म हो गई। वहीं अलीगंज सेक्टर डी में ट्रांसफार्मर से संकट रहा। कमता उपकेंद्र से पोषित 11 केवी विमल नगर, 11 केवी चिनहट फीडर देर रात बंद रहे। इसी तरह बीकेटी के मकरंदपुर फीडर, गोसाईगंज में गंगागंज फीडर की बिजली प्रभावित रही।


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