UP: उच्च सदन के नवनिर्वाचित MLC चार फरवरी को लेंगे शपथ, प्रोटेम स्पीकर कुंवर मानवेंद्र सिंह दिलाएंगे सदस्यता
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह चार फरवरी को दोपहर एक बजे विधान भवन के तिलक हॉल में उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे। हाल ही में विधान परिषद में 12 सदस्य नवनिर्वाचित हुए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह चार फरवरी को दोपहर एक बजे विधान भवन के तिलक हॉल में उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे। हाल ही में विधान परिषद में 12 सदस्य नवनिर्वाचित हुए हैं, जिनमें कुंवर मानवेंद्र सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी के 10 और समाजवादी पार्टी के दो सदस्य शामिल हैं।
बता दें कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुंवर मानवेंद्र सिंह को विधान परिषद का प्रोटेम सभापति नियुक्त किया है। रविवार को राजभवन में राज्यपाल ने उन्हें प्रोटेम सभापति की शपथ दिलाई। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव का कार्यकाल बीते शनिवार यानी 30 जनवरी को समाप्त हो चुका है। विधान परिषद में बहुमत वाली समाजवादी पार्टी ने कुंवर मानवेंद्र सिंह को प्रोटेम सभापति नियुक्त किये जाने पर एतराज जताया है। 18 फरवरी से शुरू होने वाले विधानमंडल के बजट सत्र में इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार होना तय है।
कुंवर मानवेंद्र सिंह दूसरी बार प्रोटेम सभापति नियुक्त हुए हैं। इससे पहले वह छह मई, 2002 से दो अगस्त 2004 तक प्रोटेम सभापति रह चुके हैं। प्रोटेम सभापति के तौर पर वह विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। इसकी शुरुआत उन्होंने सपा के नवनिर्वाचित सदस्य अहमद हसन को रविवार को ही अपने कार्यालय कक्ष में शपथ दिलाकर की। अहमद हसन को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी नियुक्त कर दिया।
विधान परिषद की 12 सीटों के लिए हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा के 10 और सपा के दो सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। इनमें भाजपा के कुंवर मानवेंद्र सिंह और सपा के अहमद हसन भी शामिल थे। विधान परिषद में सपा का बहुमत है। उच्च सदन का मौजूदा संख्या बल 98 है, जिसमें सपा के 51 सदस्य हैं। झ्स नाते सियासी हलकों में यह माना जा रहा है कि प्रोटेम सभापति की तैनाती करके सत्ता पक्ष सदन की बागडोर अपने पास रखेगा। हालांकि प्रोटेम सभापति की नियुक्ति नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए होती है। जब भी सदन की बैठक होगी, सपा सभापति के चुनाव की मांग करेगी। सदन में सपा का बहुमत है।