हुजूर को दुनिया में लोगों की भलाई के लिए भेजा गया: मौलाना खालिद रशीद
पैगम्बर मुहम्मद साहब की विलादत की खुशी में चल रहे जलसों का समापन आज अल्लाह के नबी हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्ल. की यौम-ए- पैदाइश 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। राजधानी में चल रहे 12 दिवसीय जलसे भी शुक्रवार को समाप्त होंगे।
लखनऊ, जेएनएन। पैगम्बर मुहम्मद साहब की विलादत की खुशी में चल रहे जलसों का समापन आज अल्लाह के नबी हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्ल. की यौम-ए- पैदाइश 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पैगम्बर मुहम्मद साहब की दुनिया में आमद की खुशी चल रहे 12 दिवसीय जलसे का भी शुक्रवार को समापन होगा। इससे पहले गुुरुवार को इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने काेरोना संक्रमण की गाइड लाइन के मुहम्मद मुस्तफा सल्ल. की यौम-ए- पैदाइश बनाने की अपील की।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि रबी उल अव्वल का महीना वह मुबारक महीना है जिसमें कि खुदा पाक ने तमाम इंसानों की रहनुमाई के लिए पैगम्बर-ए-इस्लाम को इस दुनिया में भेजा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को भीड़ से दूर अपने इलाके की मस्जिद के बाहर गरीबों को खाद्य सामग्री बांटें। मौलाना ने कहा कि पैगम्बर-ए-इस्लाम ने फमरया कि वह व्यक्ति कामिल मोमिन नही हो सकता जो खुद तो पेट भर कर खाये और उसका पड़ोसी भूखा रहे। उधर, मस्जिद सुबहानिया पाटा नाला चौक में जलसा रहमते आलम का आयोजन हुआ। जलसे को सम्बोधित करते हुए मदरसा दारुलमुबलिलगीन पाटानाला के उस्ताद मौलाना क़ारी मुहम्मद सिद्दीक़ ने कहा कि इस्लाम में पाकी और सफाई की बहुत अहममियत है। इंसान बग़ैर पाकी और सफाई के न दुनिया की तरक्की हासिल कर सकता है और न रूहानी तरक्की में कामियाब हो सकता है। मुसलमान की शान यह है कि हर वक़त पाक और साफ रहे।