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जानें कौन हैं तृप्ति सिंह, 9 साल पहले एक टर्निंग प्‍वाइंट ने बदल दी जिंदगी, आज उन्‍नतशील किसान

पति के निधन के बाद तृप्‍ति‍ स‍िंंह ने कोल्ड स्टोरेज के काराेबार के साथ खेती में भी अपना हुनर द‍िखाया। आल इंडिया कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की ओर से 2019 में तृप्ति सिंह को कोल्ड स्टोरेज का संचालन करने के लिए वीमेंस एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 04:39 PM (IST)
जानें कौन हैं तृप्ति सिंह, 9 साल पहले एक टर्निंग प्‍वाइंट ने बदल दी जिंदगी, आज उन्‍नतशील किसान
लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र में खेती करके महिलाओं को जागरूक कर रहीं तृप्ति।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कहते हैं समय के साथ जो न चले वह पीछे रह जाता है, परिस्थितियां भी समय के साथ बदलती रहती हैं। समय ही आपको आगे बढ़ना और जीवन के संघर्ष से रूबरू कराता है। कुछ ऐसा ही कहना है बख्शी का तालाब में खेती करने वाली उन्नतशील महिला किसान तृप्ति सिंह। करीब 22 बीघे में आलू, उरद और मक्के की खेती करके आसपास के किसानों की प्रेरणा बनी तृप्ति खुद के साथ ही आसपास के ग्रामीण महिलाओं और किसानों को जागरूक करती हैं।

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पारंपरिक खेती से इतर करने से मिलेगा लाभ : तृप्ति कहती हैं कि धान और गेहूं जैसी परंपरागत खेती के बजाय नकदी खेती की जाए तो किसानों की आय दो ही नहीं कई गुना बढ़ सकती है। मैं अपनी बात करूं तो मैं करीब 22 बीघे में समय के अनुरूप आलू, उरद और मक्के की खेती करती हूं। बख्शी का तालाब के किसानों को भी अपने साथ लगाकर उन्हें खेती के फायदों के बारे में बताती हूं। हाड़तोड़ मेहनत करने वाले किसानों की खुशहाली के लिए सरकार की ओर देखने के बजाय हम खुद ही आगे बढ़ने का प्रयास करें।

2013 में आया टर्निंग प्वाइंट : पति अमित सिंह बख्शी का तालाब के पास कोल्ड स्टोरेज चलाते थे। उनके साथ मैं भी जाया करती थी। वीरान खेतों के आसपास कोई रहता नहीं था। पति से मैं अक्सर खेती करने और लाभ के बारे में बताती थी, लेकिन पति कोल्ड स्टोरेज के काम में व्यस्त रहते थे तो ज्यादा कुछ देख नहीं पाते थे। खेतों में बड़ी घास उगने लगी थी। नौ दिसंबर 2013 को पति का निधन हो गया, इस दु:ख को सहन करने की शक्ति कैसे मिली मैं खुद नहीं समझ पाती। इकलौते बेटे को पालने की चुनौती और कोल्ड स्टोरेज के काराेबार को संभालने की जिम्मेदारी आई तो यही मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट बना। गांव वालों की मदद से मैं आज इस मुकाम पर पहुंची हूं।

25 से 30 हजार रुपये मासिक आमदनी : तृप्ति बताती हैं कि 22 बीघे में तीन प्रकार की फसल लेकर मुझे औसत 25 से 30 हजार रुपये आमदनी हो जाती है। इसके अलावा आसपास की महिलाएं भी मेरे साथ काम करके 10 से 12 हजार रुपये की बचत कर रही हैं। 20 से 30 महिलाएं मेरे साथ काम करती हैं।

2019 में मिली वीमेंस एक्सीलेंस अवार्ड : आल इंडिया कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की ओर से 2019 में दिल्ली में आयोजित समारोह में तृप्ति सिंह को कोल्ड स्टोरेज का संचालन करने के लिए वीमेंस एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया। स्नातक पास 42 वर्षीय तृप्ति वर्तमान में कानून की पढ़ाई भी कर रही हैं। लखनऊ के जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया कि उन्नतशील किसानों की श्रेणी में तृप्ति का नाम रखा जाता है।


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