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प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बने उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष Lucknow News

काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व कुलपति हैं प्रो. गिरीश चंद्र।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 08:30 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 08:45 AM (IST)
प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बने उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष Lucknow News
प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बने उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद का नया अध्यक्ष प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी को बनाया गया है। प्रो. त्रिपाठी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति रह चुके हैं। इनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आर. रमेश कुमार ने बताया कि इनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। 

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जानें कौन हैं प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ?

काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर हैं। यह फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज टीचर्स एसोसिएशन (फेडकुटा) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। फिलहाल निजी विश्वविद्यालयों के अंब्रेला एक्ट बनने के बाद इनकी निगरानी का काम भी उच्च शिक्षा परिषद ही करेगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में गुणवत्ता संवद्र्धन के लिए परिषद कार्य करती है। बीती चार मार्च 2017 से यह पद खाली चल रहा था। नए अध्यक्ष की नियुक्ति होने के बाद अब उच्च शिक्षा परिषद तेजी से कार्य करेगी। विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों का राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन करवाया जाना बाकी है, इसके लिए भी परिषद उनकी मदद करेगी।

प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने 1975-76 में अर्थशास्त्र में एमए की परीक्षा पास करने के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रो. बालकृष्ण त्रिपाठी के निर्देशन में पीएचडी पूरी की। 1982 में इलाहबाद यूनिवर्सिटी में लेक्चरर नियुक्त होने वाले डॉ. गिरीश त्रिपाठी 1999 में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर नियुक्त हुए। प्रो. त्रिपाठी सीतापुर जिले के मूल निवासी होने के साथ इलाहाबाद शहर में अनेक शैक्षिक संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रो. गिरीश त्रिपाठी ने वापस लौटकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग को फिर से ज्वाइन कर लिया। इस तरह प्रो. त्रिपाठी की वापसी इविवि के अपने मूल विभाग अर्थशास्त्र में हो गई है। प्रो. त्रिपाठी के तमाम रिसर्च पेपर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं। 


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