सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम की दया याचिका खारिज
शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर रात में मां-बाप, दो भाइयों, दोनों भाभियों, फुफेरी बहन और सात महीने के भतीजे की हत्या कर दी थी।
लखनऊ (वेब डेस्क)। अमरोहा जिले में प्यार में रोड़ा बनने पर अपने माता-पिता के साथ सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम की फांसी की सजा की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दी है। इससे पहले राज्यपाल राम नाईक ने भी शबनम की याचिका को खारिज कर दिया था। शबनम ने बेटे की खातिर फांसी की सजा की माफी की अपील की थी।
शबनम ने बीते वर्ष राज्यपाल राम नाईक के पास फांसी की सजा से बचने के लिए दया याचिका दी थी।
राज्यपाल ने नामंजूर की शबनम की दया याचिका
जिसको राज्यपाल ने खारिज कर दिया था। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव का है। यहां 14 अप्रैल 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर रात में मां-बाप, दो भाइयों, दोनों भाभियों, फुफेरी बहन और सात महीने के भतीजे की हत्या कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शबनम और सलीम की फांसी की सजा पर रोक लगाई
शिक्षामित्र रही शबनम का प्रेम प्रसंग सलीम से था, लेकिन उसके घरवाले दोनों के प्यार के खिलाफ थे। जिसके बाद शबनम यह खौफनाक कदम उठाया। जिस समय शबनम में इस वारदात को अंजाम दिया उस समय वह गर्भवती थी। उसके बाद उसने जेल में ही बेटे को जन्म दिया।
शबनम और सलीम की फांसी पर फिलहाल रोक
अमरोहा के तत्कालीन जिला जज एए हुसैनी ने 15 जुलाई 2010 को शबनम के साथ उसके प्रेमी को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद इन दोनों की फांसी की सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। इसी वर्ष मई में अमरोहा की कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया था। जिसके बाद उसने अपने बेटे ताज मोहम्मद का हवाला देते हुए माफी की मांग की थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के उसकी दया याचिका खारिज कर देने के बाद से अब शबनम को फांसी दी जाएगी।