कोरोना काल में घर में ही पहचाने गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों को, जानिए एक्सपर्ट की राय
कोरोना की वजह से गर्भवती अपने रुटीन चैकअप के लिए अस्पताल नहीं जा पा रही हैं ऐसे वे घर बैठे लक्षणों की करें जांच।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके चलते गर्भवती महिलाएं इस समय रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल नहीं जा पा रही हैं। वहीं, जाहिर है रूटीन चेकअप न होने से कुछ गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान होने वाली दिक्कतों का सामना भी कर रही होंगी। ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि कोरोना काल के चलते गर्भवती अपना रुटीन चेकअप या जांचें नहीं करा पा रहीं हैं, तो इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखते हुए
अपनी देखभाल घर पर भी कर सकती हैं, मगर गंभीर लक्षणों को भी जरूर पहचानें।
सिर में तेज दर्द हाई बीपी का लक्षण :
क्वीन मेरी में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व प्रवक्ता डॉ. स्मृति अग्रवाल का कहना है कि गर्भवस्था के दौरान यदि सिर में अचानक तेज दर्द हो या अचानक आंखों के सामने अंधेरा या धुंधलापन छा जाए तो सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि यह हाई बीपी का संकेत हो सकता है।
गर्भवस्था का पता चलते ही फोलिक एसिड गोली खाना शुरू करें :
गर्भवस्था का पता चलते ही महिलाएं रोज फोलिक एसिड की पांच मिलीग्राम की गोली किसी भी समय खाना शुरू कर दें। इसके अलावा अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें।
तेज गंध व मिर्च-मसाले के भोजन से करें परहेज :
कुछ महिलाओं को शुरू के तीन महीने में उल्टी या जी मिचलाने की समस्या होती है। ऐसे में, नमक लगी सूखी अदरक चाटने से फायदा मिलता है। एक बार में ज्यादा खाना खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके कई बार में खाएं। तेज गंध व मिर्च मसाले वाले भोजन से परहेज करें।
पेट के निचले हिस्से में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं :
अगर दो या तीन महीने की प्रेग्नेंसी है और अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ हो तो घबराने की जरूरत नहीं है। मगर पांचवें महीने में एक अल्ट्रासाउंड जरूर कराएं। यदि पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो, बलीडिंग या स्पॉटिंग हो तो यह गंभीर लक्षण हैं, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
पांचवें माह से आयरन व कैल्शियम की गोली लेना शुरू करें:
गर्भवस्था के तीन-चार माह बाद उल्टी व जी मिचलाने की समस्या खत्म हो जाती है। पांचवें माह से दिन में एक बार भोजन से एक घंटा पहले आयरन व दिन में दो बार भोजन के तुरंत बाद कैल्शियम की गोली खाना शुरू कर दें। इसके अलावा पांचवें महीने में टिटनेस का टीका लगवाएं।
पौष्टिक भोजन खाएं व पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें :
गर्भावस्था के दौरान दूध जरूर पीयें और पौष्टिक व संतुलित डाइट लें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीती रहें। आयरन व कैल्शियम की गोली, ताजे फल, जूस आदि का सेवन करें। अगर कोरोना में घर से निकलने में समस्या हो तो दो माह में एक बार जरूर चेकअप कराएं। घर पर यदि ग्लूकोमीटर हो तो उससे शुगर की जांच करें। इसके लिए 75 ग्राम ग्लूकोज पीने के दो घंटे बाद शुगर जांचें।
बच्चा न घूमे तो तुरंत अस्पताल जाएं :
सातवें व आठवें माह में खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस वक्त डेंजर साइन पहचानना बहुत जरूरी होता है। अगर बच्चा कम घूम रहा है, या घूमना बंद कर दे, पेट में तेज दर्द, ब्लीडिंग, पानी चलना शुरू हो जाए तो यह गंभीर संकेत हैं। ऐसे में, तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाएं।